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Jharkhand: भाजपा के सचिवालय घेराव मामले में तीन पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद सहित 41 पर मामला दर्ज

Jharkhand: भाजपा के सचिवालय घेराव मामले में तीन पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद सहित 41 पर मामला दर्ज

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Jharkhand news, Ranchi news : भाजपा के सचिवालय घेराव कार्यक्रम के दौरान हुई पत्थरबाजी और उपद्रव की घटना को लेकर धुर्वा थाना में मामला दर्ज कराया गया है। मंगलवार देर रात कार्यपालक दंडाधिकारी उपेंद्र कुमार के बयान पर तीन पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद सहित 41 लोगों पर केस दर्ज किया गया। इस मामले में अज्ञात हजारों कार्यकर्ताओं को आरोपित बनाया गया है। सभी आरोपितों पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं। 

इन नेताओं को दर्ज हुई है प्राथमिकी

जानकारी के अनुसार धुर्वा थाना में जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, इनमें सांसद संजय सेठ, सांसद निशिकांत दुबे, सांसद समीर उरांव, सांसद सुनील कुमार सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री सह सांसद अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक अमित मंडल, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, विधायक विरंची नारायण सिंह, पांकी के श्यामनंदन ओझा, शत्रुघ्न सिंह और आरती कुजूर का नाम शामिल है। इसके अलावा जमशेदपुर के प्रदीप मुखर्जी, अनीता सोरेन, मुनचुन राय, उमेश यादव, वीरेंद्र यादव, ललित ओझा, केके गुप्ता, कुलवंत सिंह , अशोक कुमार, रमेश सिंह, रमेश नाथ तिवारी, संजीव कुमार सिंह, ब्रजकांत केसरी, गुजन यादव, अमित कुमार, विकास कुमार पांडेय, दिलीप कुमार सिंह, कुमकुम देवी, कामेश्वर सिंह, अमित भैया उर्फ अमित कुमार, कमलेश राम, नीलम चौधरी, साधु मांझी, विमल मरांडी, आनंद यादव, त्रिलोचन कुमार पासवान, संजू पांडेय, अमर नाथ कुमार सिंह और दीपक बड़ाईक पर भी मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस पर पत्थरबाजी की और बोतलें फेंकीं 

धुर्वा थाना में दर्ज कराये गये मामले में कहा गया है कि 11 अप्रैल को भाजपा का सचिवालय घेराव कार्यक्रम घोषित था। इसको लेकर डीसी और एसएसपी ने संयुक्त रूप से दंडाधिकारी, अधिकारी और सुरक्षा बलों की तैनाती संबंधित आदेश जारी किया था। विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए धुर्वा गोलचक्कर से चांदनी चौक हटिया तक 11 अप्रैल की सुबह आठ बजे से रात के 11.30 बजे तक धारा 144 लगाया गया था। इसके बाद भी भाजपा के नेता और कार्यकतार्ओं ने बैरिकेडिंग उखाड़ने और हटाने की प्रयास किया। वे उपद्रवियों की तरह व्यवहार करने लगे, ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल और दंडाधिकारी को निशाना बना कर बोतलें फेंकीं, पत्थरबाजी की।

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