Ranchi news, Jharkhand news, Jharkhand latest Hindi news, latest news, Ranchi Hindi latest news : अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने 95 लाख दो हजार रुपये की ठगी करने के मामले में एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपित जीवन गोपीनाथ गलधर महाराष्ट्र के औरंगाबाद का रहनेवाला है। इसके पास से दो मोबाइल, दो सिम कार्ड, चार एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, दो क्रेडिट कार्ड, एक पासपोर्ट, ताइवान डॉलर 3,300 और 48,400 रुपये बरामद किया गया। साथ ही, ठगी किये गये 67 लाख रुपये को फ्रिज करा दिया गया है।
05 जुलाई को ठगी की प्राथमिकी की दर्ज हुई थी
सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने सीआईडी मुख्यालय में गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि धनबाद जिले के साइबर क्राइम थाने में 05 जुलाई को ठगी को लेकर प्राथमिकी की दर्ज करायी गयी थी। इस मामले में जीवन साथी डॉट कॉम पर उपलब्ध एक प्रोफाइल में सम्पर्क किया गया। उन्हें क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर अधिक पैसा कमाने के लिए कहा। इसके लिए पीड़ित को एक फर्जी वेबसाइट पर रजिस्टर्ड करने को कहा गया। फिर फर्जी वेबसाइट से अलग-अलग बैंक खाताओं में यूपीआई के माध्यम से पैसे डालने को कहा गया।पीड़ित को फर्जी वेबसाइट पर प्रॉफिट दिखाया जाता था। जांच के क्रम में इस फर्जी वेबसाइट का मूल स्थान हांगकांग, चाइना और कंबोडिया में पाया गया। फाइनेंशियल ट्रायल एनालिसिस में फेक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बैंक के खाते पाये गये। इसमें करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन किये गये थे। पीड़ित से कुल 95 लाख 2000 का साइबर ठगी कर ली गयी। इसमें सीआईडी की ओर से त्वरित कार्रवाई करते हुए 67 लाख रुपये को फ्रिज कराया गया।
ताइवान में रह कर षड्यंत्र
डीजी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में संलिप्तता के बिन्दु पर अनुसंधान करते हुए भारतीय अपराध समन्वय केन्द्र, केन्द्रीय गृह मंत्रालय और महाराष्ट्र की साइबर पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करते हुए घटना में शामिल साइबर अपराधी के ठिकाने का पता चला, जो ताइवान में रह कर चीन के नागरिक के साथ मिल कर भारत के मूल अकाउंट का बंदोबस्त करता था। उन्होंने बताया कि पार्ट टाइम जॉब और क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड के माध्यम से आए पैसों को यह भारत से बंदोबस्त किये गये विभिन्न खातों में मंगवाता था और उन पैसे को क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर विभिन्न ब्लाकचेन वॉलेट एड्रेस पर भेज दिया करता था। इस अपराधी के खिलाफ लुक आउट नोटिस निर्गत किया गया और जब यह ताइवान से भारत आया, तो इसे महाराष्ट्र में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि पूर्व में इस मामले में इसके दो सहयोगी प्रतीक संतोष रावत और अभिषेक तुबे को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया जा चुका है।