Mining lease (खनन लीज) केस में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल राहत नहीं दी। कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को सुनवाई योग्य बताने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम आदेश देने से 17 जून को इनकार कर दिया।
अलग-अलग विचार करने की जरूरत नहीं
जस्टिस जे. के. माहेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट को इस मामले में फैसला करने दें। इस पर अलग-अलग विचार की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के अनुरोध पर शीर्ष अदालत ने गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले को उपयुक्त पीठ के सामने सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
सरकार को अस्थिर करने की राजनीति से प्रेरित
रोहतगी ने कहा था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीति से प्रेरित है। रोहतगी ने कहा कि हाई कोर्ट हर दिन मामले पर सुनवाई कर रहा है और उन्हें समझ नहीं आता कि मामले में इतनी त्वरित सुनवाई की क्या आवश्यकता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह मामले में त्वरित सुनवाई की आवश्यकता के बारे में जानकारी देंगे। झारखंड उच्च न्यायालय में सोरेन के परिजन और सहयोगियों की कुछ मुखौटा कंपनियों के जरिए लेनदेन और खनन पट्टा देने में कथित अनियमितताओं के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच का अनुरोध किया गया है।