Jharkhand news, Jharkhand update, Ranchi news, Ranchi update : झारखंड विधानसभा के माॅनसून सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को झारखंड प्रतियोगी परीक्षा भर्ती एवं अनुचित साधन रोकथाम विधेयक 2023 बहुमत से पारित हो गया। माॅनसून सत्र में इसकी घोषणा सदन में करते हुए स्पीकर ने शुक्रवार 11 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने विपक्षी विधायकों के विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग को ठुकराते हुए कहा कि कुछ बिन्दुओं पर यहीं संशोधन सम्भव है। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने विधायक प्रदीप यादव और अन्य के सुझावों के आधार पर कहा कि सजा के प्रावधानों में तीन साल के प्रावधान को घटा कर एक साल किया जा सकता है। इसी तरह नकल करते हुए पाये जाने पर सात साल की जगह तीन साल का प्रावधान होगा। भाजपा, आजसू पार्टी के वाॅकआउट के बीच सदन से इसे पास कर दिया गया। अब शुक्रवार को सदन 11 बजे से बैठेगा।
विधेयक में प्रावधान
चोरी करने या कराने में पकड़े जाने पर तीन साल सजा का प्रावधान था, जिसे विधायकों के कहने पर संशोधित करके मुख्यमंत्री ने एक साल की सजा कर दी। चोरी करनेवाले परीक्षार्थियों को दी जानेवाली सजा का प्रभाव इतना अधिक होगा कि उनकी नौकरी करने की उम्र सीमा ही खत्म हो सकती है। पांच लाख रुपये तक का दंड लगाया जा सकता है। दंड की रकम नहीं चुकाने पर अतिरिक्त नौ महीने की सजा तक हो सकती है।
परीक्षार्थी के दूसरी बार पकड़े जाने पर सात साल की सजा और दंड की राशि 10 लाख रुपये तक थी, जिसे संशोधित करके सजा को तीन साल कर दिया गया है। परीक्षार्थी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दायर कर दो से पांच साल तक परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। न्यायालय द्वारा सजा होने पर सम्बन्धित परीक्षार्थी 10 साल तक प्रतियोगी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा।
परीक्षा में शामिल कम्पनी या एजेंसी द्वारा परीक्षा की गोपनीयता भंग करने, प्रश्न पत्र लीक करनेवालों को कम से कम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा होगी। एक करोड़ से लेकर दो करोड़ तक दंड लगेगा। दंड की रकम नहीं चुकाने पर अतिरिक्त तीन साल के कारावास तक सजा हो सकती है। यह प्रावधान राज्य लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित होनेवाली प्रतियोगी परीक्षा, राज्य सरकार के लोक उपक्रमों द्वारा आयोजित परीक्षा के अलावा निगम और निकायों द्वारा आयोजित होनेवालीं परीक्षाओं में लागू होगा।
इस विधेयक के दायरे में परीक्षार्थी के अतिरिक्त परीक्षा प्रक्रिया में शामिल होनेवालीं एजेंसियां, सरकारी कर्मचारियों द्वारा प्रश्न पत्र लीक करने या परीक्षा की गोपनीयता भंग करनेवाली जानकारी को सार्वजनिक करनेवाले आयेंगे। साथ ही, परीक्षा डयूटी में शामिल कर्मचारियों, उनके पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों को धमकी देने और परीक्षा के सम्बन्ध में गलत सूचना प्रचारित करने की अफवाह फैलानेवाले भी इसके दायरे में आयेंगे।