एक से तीस सितम्बर 2023 तक चले रहे पोषण माह को लेकर विभाग ने साझा कीं उपलब्धियां
Jharkhand news, Jharkhand update, Ranchi news, Ranchi update, Ranchi latest news, Jharkhand latest news : समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक शशि प्रकाश झा ने पोषण माह की जानकारी देते हुए कहा है कि हर साल की तरह इस वर्ष भी पोषण माह का आयोजन पूरे प्रदेश में प्रखंड स्तर तक किया जा रहा है। इस वर्ष का थीम सुपोषित झारखंड, साक्षर झारखंण्ड और सशक्त झारखण्ड है। हमने भगवान बिरसा मुंडा के पवित्र गांव से इस मिशन की शुरुआत की है। वह आज प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित नये सभागार में मीडिया को पोषण माह की जानकारी दे रहे थे।
लाख से लाभार्थियों को टीएचआर सेवा दी जा रही
शशि प्रकाश झा ने बताया कि लक्षित लाभार्थियों का पोषण सुधारने के लिए हमारे यहां टीएचआर यानी टेक होम राशन में उचित पोषण सुनिश्चित किया गया है। हम हर महीने 38432 आंगनबाड़ी केन्द्रों द्वारा 34 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीएचआर के तहत सेवा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पोषण माह के दौरान हर गोदाम की निगरानी पोषण ट्रैकर में सभी लाभार्थियों की डिजिटल डेटा एंट्री भी सुनिश्चित की गयी है, ताकि हम वास्तविक समय में निगरानी कर सकें और जान सकें कि किन लोगों को टीएचआर दिया गया है। कुछ इसी तरह से सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी हर दिन 03-06 साल के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन और नाश्ता का वितरण भी कराया जाता है। विभाग की ओर से बच्चों की नियमित निगरानी के साथ गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 0-6 वर्ष के बच्चों को सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
राज्यभर में 6.76 लाख गतिविधियां की जा चुकी हैं
निदेशक ने जानकारी दी कि राज्य भर में पोषण माह के दौरान कई अलग अलग गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। अब तक राज्यभर में 6.76 लाख से अधिक गतिविधियां की जा चुकी हैं। सेविका, हेल्पर, सभी सीडीपीओ, ऑब्जर्वर, डीएसडब्ल्यूओ, यूनिसेफ और अन्य विभागों का सहयोग लिया जा रहा है। हम सभी 224 योजनाओं से प्रत्येक सेविका और सहायिका को बेहतर प्रदर्शन के लिए नकद पुरस्कार भी देने जा रहे हैं। निदेशक ने मिलेट्स के खाद्य पदार्थों को भी शामिल करने की बात कही, ताकि पोषाहार को ज्यादा बल मिल सके।
कुपोषण को दूर करने को सरकार के बढ़ते कदम
झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत लाभुकों की प्राथमिकता सूची तैयार की गयी है, जिसमें अति विशिष्ट पिछड़ी जाति, विधवा, परित्यक्ता, ट्रांसजेंडर, 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति, कैंसर, एड्स, कुष्ठ या अन्य असाध्य रोग से ग्रसित व्यक्ति के लिए स्कूल में मध्याह्न भोजन, खाद्य सुरक्षा अधिनियम राशन कार्ड की सेवाएं प्रदान की गयी हैं। वहीं, आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं सहित 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। योजनाओं में पंचायत की भूमिका को पूरी तरह से सक्रिय किया गया है। व्यापक प्रचार प्रसार किया गया जा रहा है। साथ ही, जिले की वेबसाइट पर भी इसका प्रकाशन सुनिश्चित किया गया है।