झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी निर्मला देवी को कोर्ट ने 2016 में हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव के चीरूडीह में 2016 में हुए हिंसा मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल की सुनाई है। जेल में बंद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गुरुवार को अदालत में पेश हुए। योगेंद्र साव की बेटी और बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद भी कार्रवाही जानने कोर्ट पहुंची थीं।
2000 रुपया जुर्माना भी भरना होंगा
मिली जानकारी के मुताबिक सजा के बिन्दु पर दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं में बहस हुई। इसके बाद पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने धारा 307 के अंतर्गत 10 साल की सजा और दो हजार रुपए का जुर्माना साथ ही धारा 326 के तहत 5 साल की सजा और एक हजार का जुर्माना लगाया है।
एनटीपीसी के विरोध में चल जा रहा था सत्याग्रह
गौरतलब है कि एक अक्टूबर 2016 को तत्कालीन विधायक निर्मला देवी के नेतृत्व में एनटीपीसी के खनन कार्य के खिलाफ कफन सत्याग्रह चलाया जा रहा था। पुलिस रोकने ने गई तो हिंसा भड़क गई थी। एएसपी कुलदीप कुमार, सीओ शैलेश कुमार सिंह सहित 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी व आंदोलनकारी गंभीर रूप से घायल हुए थे। चार लोगों की मौत भी हुई थी।