थोड़ा सा भी पढ़ा-लिखा आदमी यह समझता है कि जो काम डॉक्टर का है, वह तंत्र-मंत्र नहीं कर सकता। तंत्र-मंत्र की शक्ति का अपना अलग महत्व हो सकता है, लेकिन बीमारी का सही इलाज चिकित्सा विज्ञान में ही है। अगर अंधविश्वास में पड़कर कोई डॉक्टर के पास जाएगा नहीं, तो परिणाम दुखद आता ही है। ऐसा ही एक मामला झारखंड के गुमला जिले से आया है। यहां सांप काटने के बाद एक बच्ची की जान सिर्फ इसलिए चली गई, क्योंकि अंधविश्वास के कारण उसे डॉक्टर के पास न ले जाकर झाड़-फूंक करवाया गया। हालत बिगड़ने पर जब बच्ची डॉक्टर के पास गई, तब तक देर हो गई और उसकी मौत हो चुकी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामला घाघरा थाना क्षेत्र के हुटार गांव का है।
अस्पताल पहुंचने पर बच्ची को डॉक्टरों ने घोषित कर दिया मृत
गांव की 12 साल की सुकृति कुमारी के पिता बलदेव उरांव ने बताया कि रात को सभी खाना खाकर सोने चले गए। सभी जमीन पर ही बिस्तर लगा कर सोते हैं। लगभग 10 बजे रात में सुकृति अचानक उठी और कहा कि मुझे कुछ काट दिया है। पैर में दर्द हो रहा है। किस सांप ने बच्ची को काटा स्पष्ट नहीं हो सका है, क्योंकि किसी ने सांप को नहीं देखा। इसके बाद घरवाले रातभर झाड़-फूंक कराते रहे। सुधार नहीं होने के बाद शुक्रवार की सुबह 108 एंबुलेंस की मदद से घाघरा स्थित सीएचसी में भरती कराया,लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने कहा कि अगर सुकृति को रात में ही अस्पताल लाया जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।