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झारखंड सरकार के कर्मचारियों को मिल सकती है 10 लाख रुपये तक के कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की सुविधा

झारखंड सरकार के कर्मचारियों को मिल सकती है 10 लाख रुपये तक के कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की सुविधा

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Good news for Jharkhand government employee : झारखंड सरकार के कर्मचारियों को 10 लाख रुपए तक के कैशलेस स्वास्थ्य बीमा की सुविधा आने वाले दिनों में मिल सकती है। इसके लिए सरकार ने स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का कैशलैस कार्ड देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके ऊपर 90 लाख का टाप अप भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव बन चुका है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो लगभग एक करोड रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा झारखंड सरकार के हर कर्मचारी का हो जाएगा। सरकार के इस प्रस्ताव पर 27 सितंबर तक सभी कर्मचारी संगठनों से सुझाव मांगा गया है।  

2014 में ही इस प्रस्ताव को मिली थी स्वीकृति

गौरतलब है कि 2014 में ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है। लेकिन इसे लागू करने को लेकर अब तेजी से विचार चल रहा है। शुक्रवार को कार्मिक विभाग के आह्वान पर सभी कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि जुटे और अपने विचार रखे। बैठक में तय किया गया कि कर्मियों को प्रतिमाह मिलने वाले चिकित्सा भत्ता के स्थान पर कर्मियों, आश्रितों एवं पेंशनर्स के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना को स्थापित किया जाएगा। यह योजना पूरी तरह से कैशलेस होगी। इसके तहत 10 लाख रुपये का बेसिक सम एस्योर्ड के साथ साथ 90 लाख रुपए का टाप अप होगा। इस प्रकार कुल एक करोड़ की बीमा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर सहमति बनी। कर्मचारियों ने ओपीडी के साथ-साथ जांच कराने और दवाइयों की खरीद में खर्च की गई राशि को भी बीमा में शामिल रखने का प्रस्ताव दिया है। इंडोर चिकित्सा की स्थिति में सभी के लिए प्राइवेट वार्ड की सुविधा उपलब्ध कराने पर सहमति रही। इसके साथ ही 28 वर्ष तक के पुत्र जो किसी रोजगार में न हो, को इस योजना में शामिल रखने का प्रस्ताव दिया गया।

एयर एंबुलेंस के लिए भी प्रस्ताव

गंभीर बीमारी में एयर एंबुलेंस के व्यय को 10 लाख रुपए अतिरिक्त की सीमा तक मान्य करने का प्रस्ताव दिया गया। कर्मचारी संगठनों से प्राप्त तमाम ऐसे प्रस्ताव पर बीमा कंपनी के साथ सरकार विमर्श करेगी। संगठनों को प्रस्ताव देने के लिए मंगलवार तक का समय दिया गया है।  बैठक के बाद कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि 27 सितंबर तक सभी सेवा संघों से लिखित प्रस्ताव लिया जाएगा। इसके बाद मुख्य सचिव के निर्देशन में कार्रवाई पूर्ण की जाएगी। अभी यह मामला विधानसभा की एक समिति के पास है।  जहां 28 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग को लेकर तथ्य रखना है। सरकार के अवर सचिव ब्रज माधव एवं कार्मिक प्रशासनिक सुधार विभाग के बुलावे पर उपस्थित हुए आईएएस अधिकारी चंदन कुमार की मौजूदगी मि सार्थक बैठक के दावे किए गए। 

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