Jharkhand government is still carrying the legacy of the British, Breaking news, Ranchi news, Ranchi top news, Jharkhand top news, Jharkhand news, Ranchi update, Jharkhand update : 1970 के दशक में शुरू हुए भू-सर्वेक्षण का कार्य आज 54 वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका है। नतीजतन जमीन से संबंधित सरकार की सारी कार्रवाई आज भी 1932 के खतियान पर ही आश्रित है। तब अंग्रेजों ने राज्य की जमीन की चौहद्दी मापी थी, खतियान में जमीन की प्रकृति, रैयतों के नाम दर्ज किए थे।
‘पाई और ‘आने’ में वसूल रही लगान
सर्वे के बाद अंग्रेजों ने ही ‘पाई और ‘आने में जमीन के लगान तय किए थे। आज जमीन की कीमत में कई हजार गुनी वृद्धि हो चुकी है, परंतु सरकार आज भी इस मद में चौवन्नी पर ही संतोष कर रही है। इससे सरकार को राजस्व मद में हर महीने करोड़ो रुपए का नुकसान हो रहा है।
स्वशासन भी सर्वे में बाधा
जंगलों, पहाड़ों, नदी-नालों से आच्छादित इस झारखंड के हजारों गावों में आज भी स्वशासन व्यवस्था कायम है। मुंंडा, मानकी 1932 में हुए सर्वेक्षण को दरकिनार कर 1908 के सर्वे को आधार मान स्वयं लगान वसूल रहे हैं। सरकार को यहां से कुछ नहीं मिल रहा है। यहां तक वे भू-सर्वेक्षण करने पहुंचने वाली टीम तक को खदेड़ देते हैं। खूंटी के 440 गांव इसकी एक बानगी है, जहां आज भी स्वशासन जिंदा है।