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Jharkhand: विकास चाहिए, तो 2024 में कमल खिलायें : अमित शाह

Jharkhand: विकास चाहिए, तो 2024 में कमल खिलायें : अमित शाह

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केन्द्रीय गृहमंत्री ने सपत्नीक बाबा बैद्यनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना, जसीडीह में नैनो यूरिया खाद कारखाना का किया शिलान्यास

Devghar Latest Hindi news : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को देवघर के जसीडीह के इफको ग्राउंड में भाजपा की विजय संकल्प रैली को सम्बोधित किया। उन्होंने राज्य की जनता से आह्वान किया कि विकास चाहिए, तो 2024 में कमल खिलायें। श्री शाह ने कहा कि इस बार लोकसभा के चुनाव में सभी सीट भाजपा की झोली में लाने का संकल्प लें। कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाते हुए अमित शाह ने कहा कि यह संथाल की भूमि आजादी का इतिहास लिखनेवाली धरती है। बाबा भोलेनाथ की धरती है। देवघर की इस भूमि के कंकड़-कंकड़ में शंकर का वास है। जय जोहार। शाह ने कहा कि विश्व में सबसे पहले तरल नैनो यूरिया बना कर इफको ने एक बहुत बड़ा काम किया है। देवघर की इस पवित्र भूमि पर बना यह कारखाना पूरे संथाल परगना का विकास सुनिश्चित करेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने राज्य की महागठबंधन सरकार पर भी खूब हमला बोला और उसकी नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यहां की सरकार ने संथाल परगना में विकास का कोई काम नहीं किया। केवल जनता को मूर्ख बनाने का काम किया। जनता अब सब जान चुकी है। जनता राज्य सरकार से हिसाब मांगती है। आदिवासी बेटियों की हत्या का जवाब सरकार से मांगा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना में हमने तय किया था कि सरकार किसी भी घर का चूल्हा बंद नहीं होने देगी। हमने ढाई साल तक प्रति व्यक्ति-प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त पहुंचाया है। अब एक और साल तक हम गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध करायेंगे। शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने गरीब, आदिवासी और पिछड़ों के हित को हमेशा वरीयता दी है। आजादी के बाद पहली बार एक गरीब आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी है। यह हर गरीब का सम्मान है। हर आदिवासी का सम्मान है।
अमित शाह ने कहा कि चुनाव आ रहे हैं। अब जनता खुद हिसाब कर देगी। झारखंड में आदिवासी बेटियों की निर्मम हत्या हो रही है और यहां सत्ता में बैठे लोग “वोट बैंक” की राजनीति कर रहे हैं। वोट बैंक के लालच में झारखंड में घुसपैठियों को प्रश्रय दिया जा रहा है। ये घुसपैठिये आदिवासियों की जमीन हथिया रहे हैं। यहां की बच्चियों पर अत्याचार कर रहे हैं। संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है।

इससे पूर्व अमित शाह ने देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सपत्नीक षोडशोपचार विधि से पूजा-अर्चना और अभिषेक किया। मंदिर के पुरोहितों ने बाबा बैद्यनाथ की पूजा-अर्चना करायी। इस मौके पर झारखंड के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने उन्हें मंदिर श्राईन बोर्ड की तरफ से अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
अमित शाह बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मैहर गार्डेन पहुंचे। वहां भोजन करने के बाद जसीडीह स्थित इंडस्ट्रियल एरिया के इफको ग्राउंड पहुंचे। यहां इफको नैनो यूरिया (तरल) खाद संयंत्र का शिलान्यास किया। इस संयंत्र में तरल खाद का निर्माण होगा। बताया गया है कि आधा लीटर का यह लिक्विड खाद 45 किलो के खाद के बोरे को रिप्लेस करेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को पूर्वाह्न 11:45 बजे विशेष विमान से देवघर एयरपोर्ट उतरे। एयरपोर्ट पर राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास, झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे, देवघर के विधायक नारायण दास, संथाल परगना के उप महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल, उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री, पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र जाट एवं वरीय जनप्रतिनिधियों ने भी अमित शाह का स्वागत किया।

नैनो यूरिया की देवघर इकाई बनने से यहां प्रतिवर्ष लगभग 06 करोड़ तरल यूरिया की बोतलों का होगा निर्माण

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य के देवघर में विश्व के पहले इफको नैनो यूरिया प्लांट के पांचवें संयंत्र का भूमिपूजन और शिलान्यास किया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में अमित शाह ने कहा कि आज यहां इफको के नैनो यूरिया प्लांट के उत्पादन संयंत्र की आधारशिला रखी गयी है। हमारे देश की भूमि के संरक्षण के लिए तरल यूरिया बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भूमि संरक्षण को प्रमुख मुद्दा बना भूमि संरक्षण के सभी कार्यों को प्राथमिकता दी; चाहे वह प्राकृतिक खेती हो,ऑर्गेनिक खेती हो या नैनो यूरिया के अनुसंधान से लेकर उत्पादन तक की प्रक्रिया को गति देने की बात हो। श्री शाह ने कहा कि नैनो यूरिया की देवघर इकाई बनने से यहां प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ तरल यूरिया की बोतलों का निर्माण किया जायेगा। इससे इसके आयात पर हमारी निर्भरता कम होगी और भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 500 ग्राम की यह एक छोटी-सी बोतल यूरिया के एक पूरे बैग का विकल्प बनेगी। देश में कई जगहों पर किसान यूरिया के साथ-साथ तरल यूरिया का छिड़काव भी करते हैं, जिससे न केवल फसल को, बल्कि भूमि को भी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा तरल यूरिया का छिड़काव करने पर उत्पादन में सम्भवत: ही वृद्धि होगी। श्री शाह ने कहा कि धरती मां के संरक्षण के लिए ही नैनो तरल यूरिया का अनुसंधान किया गया है। केमिकल फर्टिलाइजर भूमि में उपस्थित कुदरती खाद बनानेवाले केंचुओं को मार देता है, वहीं तरल यूरिया का छिड़काव करने पर भूमि किसी भी प्रकार से विषाक्त नहीं होगी।
अमित शाह ने कहा कि यदि जल्द ही कृषि में से रसायन और यूरिया खाद के उपयोग को समाप्त नहीं किया गया, तो दुनिया के कई देशों की भांति यहां भी भूमि की उत्पादकता पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की सहकारिता से बने इफको ने विश्व में सर्वप्रथम तरल नैनो यूरिया बनाया और अब डीएपी (डी-अमोनियम फॉस्फेट) की ओर आगे बढ़ रहा है। यह भारत और पूरे सहकारिता क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए बजट में कई योजनाओं की घोषणा की। इसके तहत उत्पादन के क्षेत्र में नयी सहकारिता इकाईयों के लिए इनकम टैक्स की दर 26% से घटा कर 15% कर दी गयी है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद पूरे भारत के सहकारिता के डेटा बैंक को बनाने का काम किया गया है। अगले 5 वर्षों में सरकार हर पंचायत में नयी बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि देश में सालों से ऐसी भंडारण प्रक्रिया चल रही है, जो हमारे देश के अनुकूल नहीं हैं। किसान की उपज को पहले गोदामों में लाया जाता है और फिर उसे वापस वितरण के लिए गांव ले जाया जाता है। इससे सरकार गरीब को जितना फायदा देना चाहती है, उसका 50% आवागमन में खर्च हो जाता है। लेकिन, अब हर तहसील में दो से पांच हजार टन भंडारण क्षमतावाले आधुनिक गोदाम बनाये जायेंगे, जिससे किसान का उत्पाद तहसील सेंटर पर ही स्टोर होगा और वहीं से मध्याह्न भोजन और गरीबों को मुफ्त अनाज के रूप में उसी तहसील में वितरित किया जायेगा, जिससे अनाज के परिवहन खर्च में लगभग 80% की कमी आयेगी।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बजट में विश्व की सबसे बड़ी कोऑपरेटिव अन्न भंडारण योजना की घोषणा की है, यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है। इससे पैक्स बहुआयामी बनेंगे और उनकी इनकम बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने आईटी मंत्रालय के समर्थन से पैक्स को कम्युनिटी सेंटर के रूप में भी मान्यता दे दी है। अब पैक्स के माध्यम से भारत सरकार और राज्य सरकार की 300 सेवाएं उपलब्ध होंगी, जैसे- जन्म-मृत्यु का पंजीकरण, एयर-ट्रेन टिकट बुकिंग, बैंकिंग आदि।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज लगभग 5 देशों में तरल यूरिया का निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इफको द्वारा बनाया गया यह तरल यूरिया न केवल भारत, बल्कि विश्व के किसानों की भी मदद करेगा। भारत कभी यूरिया को आयात करता था लेकिन प्रधानमंत्री जी द्वारा यूरिया के कई कारखाने पुनर्जीवित किए गये और आज 30 एकड़ में बना तरल यूरिया का यह छोटा सा कारखाना आयातित 6 करोड़ यूरिया खाद के बैग के विकल्प का निर्माण करेगा, जिससे भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। इससे किसान की भूमि भी संरक्षित रहेगी और उत्पादन में भी वृद्धि होगी। श्री शाह ने समग्र पूर्वी भारत के किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि तरल नैनो यूरिया का यह कारखाना न केवल झारखंड, बल्कि बिहार, उड़ीसा और बंगाल के किसानों के खेतों में भी उत्पादन बढ़ाने में उपयोगी साबित होगा।
इस अवसर पर इफको के नैनो यूरिया प्लांट शिलान्यास के अवसर पर गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे, इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी सहित अनेक गण्यमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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