धनबाद में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला सुनील गोराई आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। बीसीसीएल और ईसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर अलग-अलग लोगों से करीब 40 लाख रुपए की ठगी के तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसमें सुनील गोराई भी शामिल है। सुनील गोराई पहले ऑर्केस्ट्रा में बार बालाओं के साथ नाचता गाता था।
नौकरी के नाम पर करता था ठगी
धनबाद में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। ठगी किए जाने को लेकर डीएसपी अमर कुमार पांडेय ने बताया कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला निवासी निशांत गुप्ता ने बरवाअड्डा थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। भुक्तभोगी ने बताया था कि ईसीएल और बीसीसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर कुल 7 लोगों से 40 लाख से अधिक की ठगी की गई है। जब पुलिस ने मामले का अनुसंधान शुरू किया तो पता चला कि सुनील गोराई शातिर बन चुका है। वह और उसके गैंग के सदस्य ठगे जाने वाले लोगों को फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर, फर्जी इंटरव्यू लेटर, फर्जी पैड, फर्जी मुहर का प्रयोग कर ज्वाइनिंग लेटर देते थे। जब लोग ज्वाइनिंग लेटर लेकर कंपनी में पहुंचते थे तो पता चलता था कि उनसे ठगी हुई है।
सुनील गोराई समेत तीन गिरफ्तार
डीएसपी ने बताया कि ठगी मामले में सुनील गोराई, बैद्यनाथ गोराई और तापस मंडल को गिरफ्तार किया गया है। सुनील और तापस मंडल बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं जबकि बैद्यनाथ आद्रा (पश्चिम बंगाल) का निवासी है। पुलिस ने तापस मंडल के पास से फर्जी पहचान पत्र, फर्जी लेटर, फर्जी मुहर, एक लैपटॉप के अलावा लिए गए 40 लाख में से एक लाख 60 हजार बरामद किया है।
कोयलांचल में कई ऐसे गैंग हैं सक्रिय
कोयलांचल में इस तरह के कई फर्जी गैंग सक्रिय हैं। गैंग के सदस्य लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगी करते हैं। कुछ मामले पकड़ में आ जाते हैं, बाकी मामले में ठगे गए लोग चुपचाप घर में ही बैठ जाते हैं। बात सुनील की करें तो कुछ दिनों पहले तक वह बार बालाओं के साथ ऑर्केस्ट्रा में गानों पर ठुमके लगाया करता था। इसी से उसका पश्चिम बंगाल से कनेक्शन शुरू हुआ और बाद में वह ठगी का नटवरलाल बन गया।