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धनबाद में इधर अस्पताल के वार्ड से जवान बाहर गए, उधर कैदी हो गया फरार, फिर…

धनबाद में इधर अस्पताल के वार्ड से जवान बाहर गए, उधर कैदी हो गया फरार, फिर…

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Jharkhand News : लापरवाही छोटी सी, मगर परिणाम बड़ा। अक्सर नहीं तो कभी-कभार ऐसा होते ही रहता है। कैदी Police Van में कोर्ट में पेशी के लिए ले जाते समय भी भाग जाते हैं। कोर्ट परिसर से भी कैदियों के भागने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। या तो उन्हें भगा दिया जाता है या लापरवाही का फायदा उठाकर वे भाग जाते हैं।  अगर कोई कैदी अस्पताल में भर्ती है और उसके साथ दो जवान हैं तो उनकी जिम्मेदारी है कि वे उस पर नजर रखें। ऐसा नहीं होने के कारण धनबाद के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेल मेडिसिन वीआईपी वार्ड से कैदी फरार हो गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के जेलगोरा निवासी बुधन हाड़ी (24) नामक बंदी फरार हो गया। यह घटना गुरुवार रात 2 बजे से शुक्रवार की सुबह 4 के बीच की है। बंदी को रस्सी के सहारे बेड से बांध कर उसके साथ आए दोनों जवान वार्ड से बाहर चले गए। इसी का फायदा उठाकर बंदी भाग गया।

रात 10:00 बजे किया गया था भर्ती

सुबह जब दोनों जवान वार्ड में लौटे तो बंदी अपने बेड पर नहीं था। इसके बाद उसकी पूरे अस्पताल में खोजबीन की गई। इसके बावजूद उसका कोई पता नहीं चल पाया। वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों के अनुसार बंदी बुधन को वीआईपी वार्ड के बेड संख्या 4 पर गुरुवार की रात लगभग 10 बजे भर्ती कराया गया था।

अस्पताल के रजिस्टर में इसकी एंट्री भी की गई थी। बंदी के बगल में बेड संख्या 3 पर भर्ती गिरिडीह निवासी मरीज के परिजन राजेंद्र व कालावती एवं बेड संख्या 5 पर भर्ती झरिया निवासी मरीज के परिजन मितन साधु के अनुसार बंदी को भर्ती कराने के बाद बाहर गए दोनों जवान देर रात तक वार्ड में वापस नहीं आए थे।

रात 2:00 बजे तक अपने बेड पर था कैदी

रात 2 बजे तक बंदी अपने बेड पर था। इसके बाद वे लोग सो गए। सुबह लगभग 4 बजे उनकी नींद खुली। उस समय बंदी अपने बेड पर नहीं था। वह भाग चुका था और बेड खाली पड़ा हुआ था। कुछ देर बाद पुलिस के दोनों जवान वहां पहुंचे। बंदी को नहीं देख कर दोनों परेशान हो गए और वहां पूछताछ करने लगे। हालांकि वार्ड में किसी को बंदी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

नयी नहीं है ऐसी घटना

इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल से बंदियों के भागने की घटना अक्सर होती रहती है। इसके पहले भी यहां से कई बंदी भाग चुके हैं। कई पुलिसवालों पर इसको लेकर कार्रवाई भी हुई है। फिर भी बंदी की निगरानी में तैनात जवान  लापरवाही बरतते हैं।

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