पिछले दिनों भाजपा के धनबाद विधायक राजकुमार सिन्हा (राज सिन्हा) ने विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान स्पीकर रविंद्रनाथ महतो का पैर पकड़ लिया है। ऐसा करना अब उन पर भारी पड़ गया है। उनके द्वारा ऐसा किए जाने पर भाजपा ने उनसे सवाल जवाब किया है। माना जा रहा है कि राज सिन्हा के पैर पकड़ने का संदेश झारखंड की जनता में गलत चला गया है। भाजपा की रणनीति ऐसी बिल्कुल भी नहीं थी। आपको बताते चलें कि मॉनसून सत्र के दौरान स्पीकर में भाजपा के 4 विधायकों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया था। इसे लेकर भाजपा ने सदन का बहिष्कार कर दिया था।
4 विधायकों को निलंबित करने के बाद धरना पर बैठे थे
भाजपा विधायक अपने 4 विधायकों के निलंबन को वापस लेने के लिए विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए थे। दो-तीन दिन तक यह आंदोलन चला। इसके बाद भाजपा विधायक स्पीकर रविंद्र नाथ महतो के चेंबर के बाहर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। जब स्पीकर पहुंचे तो सभी विधायकों ने उन्हें देखकर हाथ जोड़ लिया था और चारों विधायकों को निलंबन मुक्त करने की मांग करने लगे। इसी दौरान अति उत्साह में भाजपा विधायक राज सिन्हा उनके पैर पकड़ लिए थे। बाद में स्पीकर ने चारों विधायकों को निलंबन मुक्त कर दिया था। इस घटना के बाद स्थानीय अखबारों और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्पीकर के पैर पर गिरते हुए राज सिन्हा की तस्वीर और वीडियो वायरल हो गया था। इस वीडियो और फोटोस पर लोगों ने तरह-तरह के कमेंट किए थे।
स्पीकर के पांव पकड़ने से गलत संदेश गया
भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि धनबाद विधायक द्वारा स्पीकर के पैर पकड़ने से राज्य की जनता में गलत संदेश गया। बताया जा रहा है कि स्पीकर के पैर पकड़ने की पार्टी ने रणनीति नहीं बनाई थी। पार्टी विधायकों को सिर्फ इतना ही निर्देश दिया गया था कि वे हाथ जोड़कर स्पीकर से गुहार लगाएं। लेकिन राज सिन्हा पार्टी लाइन से दो कदम आगे बढ़ गए। इस कारण भाजपा की रणनीति को गहरा आघात लगा है। इस प्रकरण को लेकर पार्टी ने राज सिन्हा से जवाब तलब की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वैसे इस मामले में कोई भी नेता और संगठन के पदाधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं।