Jharkhand News : झारखंड में सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच बहुस्तरीय एक्शन- रिएक्शन का दौर जारी है। सत्ता गिराने और बचाने के बीच अभी ताकत बराबर-बराबर दिख रही है। न कोई पास, न कोई फेल, मगर देवघर एयरपोर्ट पर जो हुआ, उसके बाद राज्य सरकार ने एक ठोस कदम उठाया एक्शन के रूप में और कुछ समय के बाद ही रिएक्शन के रूप में विपक्ष की ओर से वार पर पतिवार किया गया। एयरपोर्ट मामले में BJP सांसद निशिकांत दुबे ने दिल्ली में देवघर DC मंजूनाथ भजंत्री और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में कई गैर जमानतीय अपराध की धाराएं लगाई गई हैं।
इसके पहले जो हुआ था
गौरतलब है कि देवघर एयरपोर्ट पर जबरन एटीसी ऑफिस में घुसकर उड़ान की मंजूरी लेने के आरोप में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी समेत नौ लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि डीसी देवघर मंजूनाथ के कहने पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि बीजेपी सांसद ने कथित तौर पर एटीएस से जबरन क्लीयरेंस लिया था।
मुद्दे से भटकाने की कोशिश
इस पूरे मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि पिछले दो साल में मुझपर और मेरे परिवार पर की गई यह 37वीं एफआईआर है। यह पहली नहीं है। 31 अगस्त को जब मैं, मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा अंकित के परिवार से मिले, उसमें झारखंड सरकार का झूठ मिलता दिखाई दिया तो उन्हें इसका काउंटर करने के लिए कोई टूल नजर नहीं आ रहा था। इसलिए वो मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। देवघर एयरपोर्ट की एडवाइजरी कमेटी का मैं चेयरमैन हूं, संसद ने मुझे बनाया है।
बकझक करते मिला तो राजनीति छोड़ दूंगा
क्लीयरेंस को लेकर सांसद ने कहा कि इसी नाइट लैंडिग फैसिलिटी का मैं याचिकाकर्ता हूं, जिसकी 15 सितंबर को रांची हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। झारखंड सरकार और मंजूनाथ भजंत्री ने कोर्ट में इसे लेकर झूठा हलफनामा दिया है। अपनी नौकरी बचाने के लिए उन्होंने एफआईआर की है। डीसी ने पिछले साल मेरे ऊपर आठ और एफआईआर की थी। 6 दिसंबर 2021 को चुनाव आयोग ने झारखंड सरकार से कहा कि निशिकांत दुबे पर गलत एफआईआर हुई हैं। डीसी के पास इसका अधिकार नहीं है, उन्हें हटाइए। सरकार ने उन्हें हटाने के बजाय पद पर बनाए रखा हुआ है। एक भी सीसीटीवी फुटेज में गाली-गलौज तो दूर की बात है, अगर मैं झड़प करते हुए भी दिखाई दिया तो राजनीति छोड़ दूंगा।