Jharkhand News : मनरेगा घोटाले मामले में झारखंड की निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा लिया है। 3 अगस्त को कोर्ट ने मामले में ईडी और प्राथी के अधिवक्ता का पक्ष सुना।
पिछली सुनवाई में ईडी ने लिया था समय
पिछली सुनवाई के दौरान पूजा सिंघल की तरफ से जवाब दाखिल किया गया था और उसे पढ़ने के लिए ED ने समय लिया था। सिंघल 25 मई से होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में हैं। उन्हें ईडी ने 11 मई को गिरफ्तार किया था और उसके बाद 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। रिमांड के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।
7 के खिलाफ 200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल
इस मामले में सिंघल समेत सात के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। उनमें पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश शामिल हैं। ईडी ने 200 पन्नो का आरोप पत्र दाखिल किया है। चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया गया है कि चतरा ,खूंटी और पलामू डीसी रहते हुए सिंघल के खाते में सैलरी से 1.43 करोड अधिक थे। खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ था। सिंघल उस दौरान वहां की डीसी थी।