Jharkhand News : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में पूरे फॉर्म में नजर आए। उन्होंने संकेत में बीजेपी को कड़ा तेवर दिखाते हुए कहा, वह आदिवासी कौम से हैं, जिसे कोई डरा या झुका नहीं सकता है। हरा भी नहीं सकता। उन्होंने आदिवासियों को स्वाभिमानी कौम बताते हुए कहा कि सीने पर वार झेलने वाले हैं। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन जिस तरह सोरेन और उनके करीबी केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं, उससे माना जा रहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री भाजपा को ही चुनौती दे रहे हैं।
आदिवासी एक स्वाभिमानी कौम
सोरेन ने अपनी एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ”आदिवासी कौम एक स्वाभिमानी कौम है, मेहनत करके खाने वाली कौम है, ये किसी से भीख नहीं मांगती है। हम भगवान बिरसा, एकलव्य, राणा पूंजा की कौम हैं, जिन्हें कोई झुका नहीं सकता, कोई डरा नहीं सकता, कोई हरा नहीं सकता। हम उस कौम के लोग हैं जो गुरु की तस्वीर से हुनर सीख लेते हैं। हम सामने से वार करने और सीने पर वार झेलने वाले लोग हैं। हम इस देश के मूलवासी हैं। हमारे पूर्वजों ने ही जंगल, जानवर, पहाड़ बचाया ? जिस जंगल-जमीन की उसने रक्षा की आज उसे छीनने का प्रयास हो रहा है।”
‘मेरी आदिवासी पहचान सबसे महत्वपूर्ण’
झारखंड जनजातीय महोत्सव के दो दिवसीय आयोजन शुभारंभ के दिन हेमंत सोरेन ने कहा, ”मेरे लिए मेरी आदिवासी पहचान सबसे महत्वपूर्ण है। संविधान में कई प्रावधान आदिवासी समाज के जीवन स्तर में बदलाव के लिए किए गए। लेकिन, बाद के नीति निर्माताओं की बेरुखी का फल है कि आज भी देश का सबसे गरीब, अशिक्षित, प्रताड़ित, विस्थापित एवं शोषित वर्ग आदिवासी है।” उन्होंने केंद्र सरकार से आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषणा करने की मांग की। उन्होंने कहा, ”मैं इस मंच से भारत सरकार से मांग करता हूं कि पूरे देश में 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित करनी चाहिए। वन अधिकार के जो पट्टे खारिज किए गए हैं, हम फिर से इसका रिव्यू करेंगे और जो भी लंबित हैं, उसे 3 महीने के अंदर पूरा करेंगे।”