Ranchi news, Jharkhand news, sand shortage will end : पिछले कुछ माह से बालू की कमी से दो चार हो रहे झारखंड के निवासियों को अब राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। बालू की कमी के कारण लोगों को अब तक ऊंची कीमतों पर अपनी जरूरत के अनुसार बालू की खरीद करनी पड़ रही थी। लेकिन झारखंड राज्य विकास निगम लिमिटेड ने राज्य के 12 जिलों की विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट को अपनी मंजूरी दे दी है। मंजूरी मिलने के साथ ही अब राज्य के 12 जिलों में बालू खनन प्रारंभ हो जाएगा। जिन 12 जिलों में बालू खनन की स्वीकृति प्रदान की गई है, वे सभी कैटेगरी सी में आते हैं। इन जिलों में कैटेगरी सी (50 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल वाले घाट) में महत छह बालू घाट ही हैं। इसमें पूर्वी सिंहभूम में दो और सरायकेला खरसावां, सिमडेगा और गिरिडीह में क्रमशः 11 घाट मौजूद हैं। इस बाबत खान निदेशक अमीत कुमार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को कैटेगरी ए और बी के घाटों के लिए एमडीओ का चयन शीघ्र करने का निर्देश दिया है।
कैटेगरी – 2 के तहत बालू घाट तीन श्रेणी में बांटे गए
झारखंड में कैटेगरी दो के तहत बालू घाटों को तीन श्रेणी में बांटा गया है। इनमें से कैटेगरी ए में वैसे बालू घाट हैं, जिनका क्षेत्रफल 10 हेक्टेयर से कम है। दूसरी ओर कैटेगरी बी में 10 से 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल तक के बालू घाटों को रखा गया है। कैटेगरी ए और बी के बालू घाटों के खनन के लिए एमडीओ का चयन जिला मुख्यालय करेगा। वहीं कैटेगरी सी के लिए एमडीओ का चयन झारखंड राज्य खनिज विकास निगम करेगा।
कैटेगरी सी के इन घाटों के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी
पूर्वी सिंहभूम में कोरयानमोहनपाल, सुवर्णरेखा नदी पाल, डामजुरी, कराडीहा, नागुरसाइ, दीपापाल।
सराकेला खरसावां में सपारम, सोरो और बिरडीह • सिमडेगा में डुमरी एवं किरसेरा।
गिरिडीह में मांझने, सीरातारी, बिरने, पथलडीहा, बराईटांड़, नवाडीह।
राज्य के इन जिलों में शुरू हो सकता है बालू का खनन
गोड्डा, लातेहार, पाकुड़, गुमला, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां, रामगढ़, लोहरदगा, गिरिडीह और सिमडेगा। सभी 12 जिलों की डीएसआर का अनुमोदन सिया स्तर से हो गया है।
जिलों को निगम ने भेजी चयनित एमडीओ की सूची
बता दें कि बालू खनन के लिए निगम की ओर से सभी जिलों को चयनित एमडीओ की सूची भेज दी गई है। जिनमें से खनन कार्य के लिए एमडीओ का चयन किया जाना है। ज्ञात हो कि एमडीओ का चयन नहीं होने के कारण इन जिलों में बालू खनन नहीं हो पा रहा है। एनजीटी के आदेश के अनुसार बालू खनन के लिए सभी घाटों का सिया से अनुमोदन आवश्यक है। अब निगम के प्रबंध निदेशक अमित कुमार ने आने वाले मानसून के पहले अधिकतर बालू घाटों का संचालन शुरू कराने के लिए जिलों को निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि अपने जिलों के अनुमोदित बालू की डीएसआर में कैटेगरी ए एव बी के घाटों को चिह्नित कर वित्तीय निविदा प्रकाशित किया जाए।