झारखंड सरकार ने बालू पर बड़ा फैसला किया है। अब जिला स्तर पर ही बालू घाटों की नीलामी की जाएगी। इससे संबंधित आदेश सभी जिलों को सरकार ने जारी कर दिया है। सरकार का मानना है कि इस नए नियम से अवैध बालू खनन पर लगाम लगेगी। इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी उपायुक्तों को आदेश जारी कर दिया है। वैसे बालू घाटों के नीलामी की सारी प्रक्रियाएं राज्य खनिज विकास निगम के नियंत्रण में ही पूरी की जायेंगी।
राज्य में 608 बालू घाट चिह्नित
खान निदेशालय द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि झारखंड स्टेट सैंड माइनिंग पालिसी 2017 के प्रावधानों के तहत कटैगरी-2 के सभी बालू घाटों का संचालन झारखंड राज्य विकास निगम लिमिटेड के द्वारा जाना है। राज्य में इस कटैगरी के 608 बालू घाट चिह्नित हैं। इन घाटों को घाट के क्षेत्रफल अनुसार जेएसएमडीसी द्वारा तीन श्रेणी यथा कटैगरी-ए, बी और सी में बांटा गया है। जेएसएमडीसी की ओर से इन बालू घाटों के संचालन के लिए एमडीओ की नियुक्ति की जायेगी। साथ ही साथ प्रथम चरण में एजेंसी का मनोनयन निगम द्वारा किया जायेगा।
उपायुक्त करेंगे एजेंसी का चयन
दूसरे चरण में एजेंसी के चयन के लिए वित्तीय निविदा की प्रक्रिया जिलावार संबंधित उपायुक्त द्वारा बालू घाटवार करने का निर्णय सरकार ने लिया है। उपायुक्त अपने जिलों से संबंधित घाटों के संदर्भ में श्रेणीवार मनोनीत एजेंसी में से कटैगरी-ए एवं बी बालू घाटों के लिए वित्तीय निविदा के माध्यम से एजेंसी का चयन करेंगे। वहीं, कटैगरी-सी के अंतर्गत पड़ने वाले घाटों के एमडीओ का अंतिम चयन जेएसएमडीसी द्वारा ही किया जायेगा।
डीसी की अध्यक्षता में निविदा समिति का गठन
जिलास्तर पर वित्तीय निविदा प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्त की अध्यक्षता में एक निविदा समिति का गठन किया जायेगा। इस निविदा समिति में अपर समाहर्ता, जिला खनन पदाधिकारी व लघु सिंचाई विभाग और पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता सदस्य होंगे। बालू घाटों से अवैध उत्खनन, परिवहन एवं बिक्री पर रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए सभी उपायुक्त यथाशीघ्र एमडीओ के चयन का कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे। इसके लिए एक तय समय सीमा और माडल बिड डाक्यूमेंट जेएसएमडीसी द्वारा जिला के उपायुक्तों को उपलब्ध कराया जायेगा।
पहले जेएसएमडीसी के नियंत्रण में थे बालू घाट
मालूम हो कि राज्य सरकार ने झारखंड राज्य बालू उत्खनन नीति 2017 बनाते हुए बड़े बालू घाट राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के नियंत्रण में संचालित करने की मंजूरी दी थी मगर जेएसएमडीसी बालू घाटों का सही ढंग से संचालन नहीं कर पायी। नतीजतन राज्य में बालू का अवैध उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से जारी है। अब जिलास्तर पर नीलामी की प्रक्रिया होने से सकारात्मक आस जगी है।