Jharkhand political news : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की विधानसभा सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग (election commission) द्वारा भेजे गए पत्र के संबंध में जानकारी लेने के लिए आखिरकार थक -हार कर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने सूचना के अधिकार (right of information) कानून को हथियार बनाया है। झामुमो महासचिव विनोद पांडेय (Vinod Pande) ने इसके तहत शनिवार को राजभवन (Rajbhavan) के जन सूचना पदाधिकारी के समक्ष आवेदन दिया है। आवेदन में मांग की गई है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के संबंध में चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए पत्र के संबंध में जानकारी (information) उपलब्ध कराएं। आवेदन के साथ उन्होंने 10 रुपये का पोस्टल आर्डर (postal order) जमा करते हुए लिखा है कि वे दस्तावेज की फोटो कापी की लागत राशि भी जमा करने को तैयार हैं। राजभवन के जन सूचना पदाधिकारी (public information officer) को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 (Act 2005) के तहत दिए गए आवेदन में जिक्र है कि चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के मामले में राज्यपाल को पत्र भेजा गया है। इसके बारे में जानकारी उपलब्ध कराया जाए।
गौरतलब है कि 25 अगस्त को चुनाव आयोग ( election commission) ने राजभवन को इस संबंध में पत्र प्रेषित किया था। पत्र के संबंध में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन ( ruling coalition) के नेताओं (leaders) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस (governor Ramesh baisy) से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने दावा किया था कि राज्यपाल ने दो-तीन दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (chief minister Hemant Soren) ने भी राज्यपाल (governor) से मुलाकात कर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया था। उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा प्रेषित पत्र की प्रतिलिपि मांगी थी।