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Jharkhand: राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता : हेमन्त सोरेन 

Jharkhand: राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता : हेमन्त सोरेन 

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मुख्यमंत्री ने प्रमंडलीय रोजगार मेला में विभिन्न संस्थानों/ कम्पनियों के लिए चयनित 5132 युवक-युवतियों को सौंपा ऑफर लेटर  

Ranchi news, Jharkhand news, Ranchi update, Jharkhand news, medaninagar news, Palamu news : राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है; चाहे वह सरकारी हो या निजी क्षेत्र की नौकरी। हर स्तर पर बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार के विभिन्न आयामों से जोड़ रहे हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मंगलवार को पलामू में आयोजित प्रमंडलीय रोजगार मेला में 5132 (पांच हज़ार एक सौ बत्तीस) युवक- युवतियों को ऑफर लेटर प्रदान करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि नौजवानों को सही दिशा दिखाने, भविष्य संवारने और उनके बेहतर जीवन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

ढाई महीने में 27 हज़ार युवाओं को मिला ऑफर लेटर 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई महीने के दौरान प्रमंडलीय रोजगार मेला के जरिये 27 हज़ार युवाओं को ऑफर लेटर दिया जा चुका है। 18 अगस्त को चाईबासा में आयोजित प्रथम प्रमंडलीय रोजगार मेला में 10 हज़ार 20 नौजवानों को ऑफर लेटर दिया गया। वहीं, 11 सितम्बर को हजारीबाग में आयोजित दूसरे प्रमंडलीय रोजगार मेला में 11850 अभ्यर्थियों तथा मंगलवार को पलामू प्रमंडलीय रोजगार मेला में 5132 युवाओं को ऑफर लेटर देने का मौका मिला। खुशी की बात है कि इनमें लगभग 25 हज़ार स्थानीय नौजवान हैं।

चारों ओर से खुल चुके हैं रोजगार के दरवाजे 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में चारों ओर से रोजगार के दरवाजे खुल चुके हैं। इसी कड़ी में सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर व्यापक पैमाने पर नियुक्तियां हो रही हैं। 20 हज़ार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल चुका है। वहीं, जेपीएससी जेएसएससी और अन्य माध्यमों से तकरीबन 40 हज़ार पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारियों और कोर्सेज करने के लिए भी दे रहे हैं सरकारी मदद 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ युवाओं को रोजगार नहीं दे रहे हैं, बल्कि उन्हें प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकारी मदद भी कर रहे हैं। इसके अलावा युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि यहां के युवाओं को अपने ही राज्य के अंदर रोजगार उपलब्ध करा सकें।

निजी क्षेत्र में 75 % नौकरी स्थानीय के लिए अनिवार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर बड़े पैमाने पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो निजी क्षेत्र में भी यहां के स्थानीय नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने नियम बनाये हैं। उन्होंने कहा कि अब राज्य में कार्यरत निजी संस्थानों और कम्पनियों में 40 हज़ार रुपये प्रति माह तक की नौकरियों में यहां के आदिवासियों – मूल वासियों को 75 प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य होगा।  आज एक साथ पांच हज़ार से ज्यादा युवाओं को ऑफर लेटर देने पर बहुत ही खुशी हो रही है…सुखद अहसास हो रहा है।   

किसानों का खेत और पशुधन ही उनका बैंक खाता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की गिनती राज्य के पिछड़े राज्यों में होती है। यहां के किसान-मजदूर गरीब हैं।  उनके पास कोई जमा धन नहीं होता है। वे रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। उनका खेत – खलिहान और पशुधन ही उनका बैंक खाता है। हमारी सरकार किसानों-मजदूरों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। ताकि, उनकी आय को बढ़ाने के साथ जीवन स्तर को भी बेहतर बना सकें। मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि वे बिरसा हरित ग्राम योजना से जुड़ें और अपनी जमीन पर फलदार पौधे लगा कर अपनी आय को बढ़ायें। इसमें सरकार आपको पूरा सहयोग कर रही है।

कई चुनौतियों से निपटते हुए विकास को दे रहे रफ्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी, तो कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया। जब कोरोना से निजात मिली, तो सुखाड़ का सामना करना पड़ा। लेकिन, आप सभी के सहयोग से हम इन चुनौतियों से निपटते हुए विकास को रफ्तार दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, बुजुर्ग महिला नौजवान और दिव्यांग सभी के लिए योजनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि सभी वर्ग और तबका राज्य के विकास में भागीदार बने।

आपका अपने आशियाना का सपना करेंगे पूरा, तो ग्रामीण क्षेत्र से आवागमन होगा सुलभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत 08 लाख लोगों के अपने आशियाना का सपना को पूरा करेंगे। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों को शहर और जिला मुख्यालय से सीधा सम्पर्क और सुलभ आवागमन के लिए मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना भी शुरू की जा रही है। इस योजना के तहत लगभग एक करोड़ लोग निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे। 

अपनी विरासत को आगे ले जाने का कर रहे काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी परम्परा और विरासत को भी आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। खनिज- सम्पदाओं के साथ-साथ यहां की कला संस्कृति, पर्यटन, खेलकूद आदि को प्रमोट करने के साथ-साथ इससे जुड़े लोगों को भी आगे बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है।

खेल प्रतिभाओं को निखारने का निरन्तर प्रयास जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों के माध्यम से राज्य को अलग पहचान देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस कड़ी में देश में पहली बार वीमेंस एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी की मेजबानी करने का मौका रांची को मिला है। इसी तरह आगे भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं झारखंड में होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य की हर पंचायत और गांव में खेल मैदान विकसित किये जा रहे हैं। वहीं, सिदो-कान्हू क्लब के जरिये खेल प्रतिभाओं को निखारा जा रहा है। हमारी कोशिश है कि खेल में भी झारखंड देश में एक अपनी अलग छवि बना सके। 

इस अवसर पर मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता, विधायक रामचंद्र सिंह और बैद्यनाथ राम, जिला परिषद अध्यक्षा प्रतिमा कुमारी, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, श्रम सचिव राजेश शर्मा, प्रमंडलीय आयुक्त मनोज जायसवाल, पुलिस महानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा, जेएसएलपीएस के मिशन डायरेक्टर  सुनील कुमार और पलामू , गढ़वा तथा लातेहार जिला के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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