Jharkhand (झारखंड) की राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय गंभीर है। पूरे मामले में पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के political विंग एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। इसकी जांच रांची पुलिस कर रही है। पुख्ता सबूत मिलने पर एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) भी जांच शुरू कर सकती है। गृह मंत्रालय को अभी रांची आयुक्त व डीआईजी की साझा रिपोर्ट का इंतजार है। गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार से इस पर रिपोर्ट भी मांगी है। राज्य पुलिस के आला अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि जल्द ही पूरे मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
पुलिस खंगाल रही कॉल डंप की हिस्ट्री
पुलिस को अब तक की जांच में पता चला है कि 10 जून की हिंसा से पहले रांची में बाहर से कई लोग आए थे। पीएफआई के राजनीतिक विंग एसडीपीआई ने लोगों को प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया था। इससे संबंधित कई पोस्ट सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए हैं। पुलिस कॉल डंप के आधार पर बाहर से आए लोगों की भूमिका की जांच कर रही है। रांची के हिंसा प्रभावित इलाकों में चार से दस जून की रात तक सक्रिय फोन नंबरों की जांच में कई तथ्य मिले हैं। पुलिस यह पता लगा रही है कि दूसरे राज्यों अथवा झारखंड के दूसरे जिलों से जारी कौन-कौन से मोबाइल सिम उस वक्त रांची में मेन रोड, हिंदपीढ़ी, लोअर बाजार तथा डोरंडा और उसके आसपास के इलाकों में सक्रिय थे।