Jharkhand news, Jharkhand update, Ranchi news, Ranchi update, Shri sarveshwari samuh Ranchi : श्री सर्वेश्वरी समूह – शाखा रांची (औघड़ भगवान राम आश्रम, अघोर पथ, लेक रोड पश्चिम, रांची) के तत्वावधान में “सर्वेश्वरी वृक्षारोपण अभियान : वर्ष – 2023” के चौथे चरण का आयोजन जिले के रातू प्रखंड के गुडू ग्राम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आम, अमरूद, मोहगनी, सागवान, आंवला, जामुन, बेल इत्यादि के 310 पौधों का रोपण एवं वितरण किया गया।
ग्रामीण बंधुओं के बीच लघु गोष्ठी का आयोजन
कार्यक्रम में ग्रामीण बंधुओं के बीच एक लघु गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें श्री सर्वेश्वरी समूह का संक्षिप्त परिचय देते हुए समूह द्वारा किये जा रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में भी ग्रामीण बंधुओं को अवगत कराया गया। साथ ही, वृक्षों की कमी से हो रहे दुष्परिणामों के बारे में अवगत करते हुए वृक्षों के बचाव के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। गोष्ठी के बाद ग्रामीण बंधुओं के बीच लगभग 310 पौधों का वितरण किया गया। ज्ञातव्य है कि श्री सर्वेश्वरी समूह एक विश्व स्तरीय सामाजिक एवं धार्मिक संस्था है, जो अनेक जनकल्याण के कार्यक्रम लगातार करती रहती है। जनसेवा के लिए श्री सर्वेश्वरी समूह का नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एवं लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
अब तक 1,000 से अधिक पौधों का रोपण और वितरण
‘सर्वेश्वरी वृक्षारोपण अभियान’ उन्हीं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों में से एक है, जिसे पूरी वर्षा ऋतु में चलाया जायेगा। इस वृहद वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से लोगों को वृक्ष लगाने एवं वृक्षों को बचाने के प्रति भी जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि आज के कार्यक्रम के पूर्व सिमडेगा जिला के गंगड़ा ग्राम एवं गुमला जिला के जुरकेला प्रखंड के कोइन्जारा ग्राम में भी समूह शाखा द्वारा लगभग 1,000 से अधिक पौधों का रोपण एवं वितरण किया जा चुका है। कार्यक्रम के कुशल आयोजन में राजेन्द्र प्रसाद ठाकुर एवं गायत्री देवी का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में श्री सर्वेश्वरी समूह – शाखा रांची से विभूति शंकर सहाय, अभय सहाय, आनन्द सिंह, हेमन्त नाथ शाहदेव, रंजीत सिंह, अरुण सिंह, आदित्य नाथ शाहदेव, समरेन्द्र सिंह, राधा मोहन मिश्रा, उमेश सिंह, उदय नन्द पाण्डेय, शम्भु शरण षाड़ंगी, हिमांशु ठाकुर, सुधांशु ठाकुर, रमेश पाण्डेय, सुनील साहू, गौरीशंकर षाड़ंगी, यदुनाथ शाहदेव के साथ लगभग 35 श्रद्धालु-सदस्यगण शामिल हुए।