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JHARKHAND : केंद्र को कोयला कंपनियों पर राज्य का 1.36 लाख करोड़ बकाया देना ही होगा, नहीं तो छीन लेंगे…

JHARKHAND : केंद्र को कोयला कंपनियों पर राज्य का 1.36 लाख करोड़ बकाया देना ही होगा, नहीं तो छीन लेंगे…

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Jharkhand (झारखंड) विधानसभा का बजट सेशन 25 मार्च को समाप्त हो गया। मुख्यमंत्री ने इस सत्र के अंतिम दिन विपक्ष पर तो जमकर निशाना साधा ही, केंद्र सरकार को भी कठोर चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोल कंपनियों के पास झारखंड का 1.36 लाख करो रुपये बकाया हैं। केंद्र सरकार को हर हाल में इसका भुगतान करना ही होगा। नहीं तो छीन लेंगे। कोयला और अन्य खनिजों पर बैरिकेडिंग लगा देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की कनपटी पर रिवाल्वर सटाकर कोई काम नहीं करवा सकता।

विकास की लकीर खींचने का प्रयास

हेमंत सोरेन ने भावुक अंदाज में कहा,मैं झारखंड के लोगों को अपना परिवार मानता हूं। कभी भी लोगों को अपने से अलग नहीं समझा। विकास की लकीर खींचने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। सरकार खुद अंतिम पायदान पर बैठे लोगों के दरवाजे तक जाती है। विपक्ष खासकर भाजपा की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग पहले सत्ता में थे, लेकिन आश्चर्य हो रहा है कि अब बड़ी-बड़ी समस्याएं गिना रहे हैं। जब सत्ता में थे तो कुछ सूझा नहीं। अनुबंध कर्मियों पर लाठियां बरसा रहे थे। आज विकास से जुड़े सवाल कर रहे हैं। राज्य में कई जटिल समस्याएं हैं, जिनका समाधान जरूर निकलेगा। विपक्ष के सिर्फ शोर मचाने और अनर्गल प्रलाप करने से राज्य न तो आगे बढ़ेगा और न यहां के लोगों का कोई कल्याण होगा।

झारखंडी यों की भावना के अनुरूप ही बनेगी नियोजन नीति

नियोजन नीति के संबंध में हेमंत सोरेन ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि नियोजन नीति झारखंडियों की भावनाओं के अनुरूप ही होगी। 1932 के खतियान का सम्मान होगा। जनमानस को ध्यान में रखकर ही नियम कानून बनेंगे। ध्यान ध्यान देने योग्य बात है कि 2 दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि खतियान के आधार पर कभी नियोजन नीति नहीं बन सकती है। इसके आधार पर नियोजन नीति बनाई जाती है, तो कोर्ट इसे तुरंत खत्म कर देगा। सीएम ने कहा कि राज्य में 1911, 1932, 1964, 1993 और 2005 में सर्वे हुआ था। गजट का प्रकाशन हुआ। अब सदन ही तय करे कि किस सर्वे को माना जाए। 1932 के सर्वे में शामिल लोगों को छोड़ दें या 2005 के। यह इतना आसान नहीं है। इस पर समग्र चिंतन करने की जरूरत है। हम वैधानिक पहलुओं और राज्य के लोगों की भावनाओं को देखते हुए व्यापक सहमति बनाकर आगे बढ़ेंगे।

आसान है आग लगाना, बुझाना कठिन

मुख्यमंत्री ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि आग लगाना बहुत आसान है, पर बुढाना बहुत ही मुश्किल। विपक्ष के लोग आग लगाने में माहिर हैं, लेकिन हम राज्य के लोगों को आग में नहीं झोंकना चाहते। सीएम ने सदन में विधायक फंड बढ़ाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, अब विधायक फंड में ₹4 करोड़ की जगह ₹5 करोड़ मिलेंगे।

लागू होगी पुरानी पेंशन व्यवस्था

राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के संबंध में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जल्दी ही पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी। अन्य राज्य तो अभी इस योजना को लागू करने के बारे में सोच ही रहे हैं, लेकिन यहां इसे जल्दी लागू किया जाएगा। इससे करीब सवा लाख राज्य कर्मियों को लाभ होगा। राज्य में दिसंबर 2004 के अनुसार पेंशन लागू है। अभी 1.95 लाख स्थायी कर्मचारी हैं। इनमें 1.25 लाख कर्मचारी अंशदायी पेंशन योजना लागू होने के बाद बहाल हुए हैं। उन्हें पुरानी पेंशन योजना का सीधा लाभ होगा। भविष्य में नियुक्त होने वाले भी इसके दायरे में आएंगे।

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