Ranchi news, Jharkhand news : मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने वाटरशेड परियोजना से बेहतर जल प्रबंधन कर भूमि की नमी और गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया है। इससे कृषि और बागवानी के कार्यों को विस्तार दिया जा सके तथा किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी बुधवार को राज्य के सात जिलों के 24 प्रखंडों में हाई मेगा वाटरशेड प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान बोल रही थीं। उन्होंने योजना से जुड़े बिदुओं और इसके कार्यान्वयन की जानकारी पदाधिकारियों से ली। योजना को भारत सरकार की संस्था भारत रूरल लाइवलीहुड्स फाउंडेशन (बीआरएलएफ) के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
बैठक में प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी
बैठक में बीआरएलएफ अंतर्गत सात के जिलों से डीडीसी एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं परियोजना में कार्य कर रहे संस्था क्रमश: प्रधान, जन जागरण केंद्र, सोसाइटी फॉर प्रमोशन आॅफ वाटरशेड डेवलपमेंट, विकास भारती, ग्रामीण विकास ट्रस्ट के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में सभी संस्था की ओर से प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी। बैठक में मनरेगा आयुक्त की ओर से सात जिलों के डीडीसी को सीएसओ भागीदारों और अन्य हितधारकों के साथ आगे की योजना बनाने और योजनाओं की अधिकतम स्वीकृति के लिए जिला स्तरीय कार्यशालाएं-सेमिनार आयोजित करने का निर्देश दिया है। नॉन इंटेंसिव प्रखंडों में डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जल्द पत्र जारी किया जायेगा। राज्य के सात जिलों गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका और गिरिडीह के कुल 24 प्रखंडों में मनरेगा योजना से हाई इंपैक्ट मेगा वाटरशेड प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य 24 प्रखंडों के कुल 696 वाटरशेड का विकास करना है। इससे तीन लाख 39 हजार हेक्टेयर भूमि का उपचार हो सके और कम से कम एक लाख किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को साधा जा सके। बैठक के दौरान संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास विभाग अरुण कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।