झारखंड का कुख्यात और 15 लाख के इनामी नक्सली को बिहार के गया से शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार नक्सली अमन गंझू उर्फ अनिल गंझू माओवादियों का जोनल कमांडर है। फिलहाल केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल (सीआरपीएफ) और बिहार पुलिस के आला अधिकारी गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ कर रहे हैं। फरवरी 2022 में सुरक्षाबलों ने लोहरदगा के बुलबुल जंगल में एक ऑपरेशन चलाया था। इस ऑपरेशन में माओवादी कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते को बड़ा नुकसान हुआ था। लेकिन नक्सली रवींद्र गंझू और अमन गंझू भाग निकले थे।
एनआईए को भी तलाश थी नक्सली अमन गंझू की
मिली जानकारी के अनुसार नक्सली अमन गंझू बुलबुल जंगल छोड़कर छकरबंधा भाग गया था। दूसरी ओर रवींद्र गंझू पुलिस से जान बचाने के लिए बूढ़ापहाड़ चला गया था।
हाल के दिनों में बिहार पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल ने छकरबंधा इलाके में माओवादियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। अमन गंझू चलाये गये अभियान के दौरान पकड़ा गया। अमन मूलरूप से बिहार के औरंगाबाद थाना क्षेत्र के ढिबरा का रहने वाला है। गिरफ्तार नक्सली ने सुरक्षाबलों को कई बड़ी जानकारियां दी हैं। अमन को एनआईए भी खोज रही थी। एनआईए ने भी उस पर इनाम घोषित कर रखा था।
अमन दस्ते पर ही है लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र में एएसआई समेत 3 जवानों की हत्या करने का आरोप
मिली जानकारी के अनुसार लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के लुकुइया मोड़ में नवंबर 2019 में चंदवा थाना के पीसीआर वैन पर रविन्द्र गंझू के दस्ते ने हमला करते हुए एएसआई सुकरात उरांव समेत होमगार्ड के तीन जवानों जमुना राम, दिनेश राम तथा एक अन्य को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद उसके दस्ते ने जवानों के हथियार छीन लिए थे। झारखंड पुलिस ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था। स्वीकृति मिलने के बाद एनआईए ने नई दिल्ली में नए सिरे से केस दर्ज कर जांच शुरू की। इस मामले में पतिराम मांझी, अमन गंझू समेत करीब दो दर्जन नक्सली आरोपित हैं।