Ranchi News: रांची के सोनाहातू प्रखंड के मोरुगडीह, जामुदाग और चीरगालडीह गांव में खुशी चौपाल का आयोजन खुशी क्लास और लाइफ केयर रांची के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। यहां के ग्रामीण उत्साहपूर्वक इसमें शामिल हुए। इस मौके पर चीरगालडीह गांव में पौधरोपण भी हुआ। मोटिवेशनल क्लास में शामिल ग्रामीणों ने खुशी दूत बनकर घर घर में खुशी बांटने का संकल्प लिया।
बड़े लक्ष्य के लिए सकारात्मक सोच जरूरी, यही है विजेता की पहचान : चौहान
खुशी क्लास के संस्थापक मोटिवेटर मुकेश सिंह चौहान ने खुशी मिशन के बारे में बतलाते हुए कहा कि कैसे अपने जीवन में खुश रहना चाहिए, सकारात्मक होना चाहिए,कभी भी अपने जीवन में तनाव /टेंशन को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए, किसी भी परिस्थिति में हमें सकारात्मक सोच रखनी चाहिए | सभी अच्छी बातों को खुद में आत्मसात करना चाहिए, अंक किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का पैमाना नहीं है | उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें अपने जीवन में ” मुझे यह करना है” यह सोच रखना चाहिए ना कि “यह होना चाहिए” यह सोच। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच मनुष्य को सफल बनाता है।
कहानी सुना मोटिवेट करने का प्रयास
अपनी बांत को सहज और प्रभावकारी बनाने के लिए श्री चौहान ने सकारात्मकता से सजी कहानी भी सुनाई- एक 25 साल की युवती अपने पिता के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी। खिड़की से बाहर देखते हुए जोर से चिल्लाई- पिताजी देखो ये पेड़ पीछे जा रहे हैं। पिता मुस्कुरा दिए। पास में बैठे लोगों ने सोचा, लड़की इतनी बड़ी है और इसका व्यवहार बच्चों के जैसा है। शायद ये लड़की मानसिक रूप से कमजोर है। कुछ देर में युवती फिर चिल्लाई- पिताजी देखो ये बादल हमारे साथ दौड़ रहे हैं। तभी पास बैठे लोगों में से एक ने लड़की के पिता से कहा- माफ़ कीजियेगा, पर आप अपनी लड़की का इलाज किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं कराते? लड़की के पिता मुस्कुरा कर बोलें- अपनी बेटी का इलाज करवा कर अभी हम लोग हॉस्पिटल से ही आ रहे हैं। मेरी बेटी जन्म से अंधी थी। हॉस्पिटल में उसके इलाज के बाद आज से ही इसने दुनिया देखना चालू किया है। अब बोगी में बैठे सभी लोगों के दिल में उस युवती के प्रति अपार स्नेह उमड़ पड़ा था। लब्बोलुआब यह, कभी भी किसी के बारे में जानने से पहले उसे जज नहीं करना चाहिए, सच कुछ भी हो सकता है।