Limca Book of records : अगर आपसे कोई 200 वर्ष पुराने किसी तारीख या दिन के बारे में पूछे तो बता नहीं पाएंगे। इसके लिए आपको कैलेंडर या फिर गूगल की मदद लेनी होगी। परंतु रांची में एक ऐसा प्रतिभाशाली बच्चा है, जो महज 2 सेकंड में 200 वर्षों तक की किस तारीख को कौन दिन था बता देता है। शहर के लोग इस बच्चे की प्रतिभा को देखकर हैरान हैं।
लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है नाम
रांची जिला अंतर्गत पुंदाग निवासी बैंककर्मी शंकर शर्मा और शिक्षिका अर्पणा शर्मा के पुत्र विवान शर्मा महज दो सेकेंड में किसी भी तारीख का दिन बता देते हैं। इस बच्चे की प्रतिभा के रांची में खूब चर्चा हो रही है। बच्चे से प्रभावित होकर रांची के सांसद संजय सेठ ने उसे सम्मानित भी किया है। हालांकि इससे पूर्व ओएमजी लिमका बुक आफ रिकार्ड में राष्ट्रीय स्तर पर विवान को अवार्ड मिल चुका है। विवान की उम्र महज सात है। वह डीएवी गांधीनगर रांची में दूसरी कक्षा का छात्र है। विवान के माता पिता बताते हैं कि वह जन्म से ही प्रतिभाशाली है। हालांकि जन्म के तीन साल बाल तक विवान बोल नहीं पाता था। इससे उसके घर वाले चिंतित भी रहा करते थे। विवान की जब जब स्कूल जाने की उम्र हुई तो शिक्षकों ने यह कहा कि वह कुछ बोल नहीं पाता है। वह एकांत में रहना चाहता है। ऐसे में वही स्कूल में क्या पढ़ाई करेगा। शिक्षकों की इस बात से विवान के माता- पिता परेशान हो गए हैं। माता- पिता बच्चे की स्थिति देख कई डॉक्टरों से सलाह भी दी। बाद में विवान धीरे- धीरे बोलने लगा। इसके बाद से उसका झुकाव गणित की ओर हो गया।
मेमोरी पावर है जबरदस्त, जिस चीज को एक बार पढ़ लेता है वह कभी नहीं भूलता
विवान की मेमोरी पावर जबरदस्त है। एक बार यदि वह ध्यान से किसी भी चीज को कौन लेता है तो उसे वह कभी नहीं भूलता। उनके पिता शंकर शर्मा ने बताया कि एक बार विवान उनके फेसबुक वाल पर पुरानी तस्वीरों को देख रहा था। इसमें उनकी शादी की तस्वीरें और सैर सपाटे की तस्वीरें थीं। उसे देखने के बाद करीब छह- सात माह बाद एक दिन विवान पूरा विवरण अपने पिता को देने लगा जो कुछ भी उसने फेसबुक वाल पर देखी थी। शंकर शर्मा बताते हैं कि शुरुआती दिनों उन्हें बच्चे की स्थिति देखकर काफी चिंता होती थी, लेकिन जब वो थोड़ा बड़ा हुआ और किताबों का अध्ययन करने लगा और घर के अन्य सदस्यों के साथ भी घुलने मिलने लगा। स्कूल के शिक्षक भी विवान को कुछ भी याद करने को देते हैं तो वह बहुत आसानी से अपना होमवर्क पूरा कर लेता है। हालांकि गणित में अधिक रुचि होने के कारण उनके माता पिता उस पर अतिरिक्त लोड नहीं देते हैं और इस बात का ख्याल रखते हैं कि अधिक समय तक वह एकांत में न रहे।