Ranchi news : असम के मुख्यमंत्री और आगामी विधानसभा चुनाव में झारखंड भाजपा के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से पूरे दमखम से चुनावी तैयारियों में लगने को कहा। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव नहीं जीतने पर झारखंड पर बहुत जुल्म होगा। यहां और भी ज्यादा फिलिस्तीनी झंडे लहराते दिखेंगे। जय श्रीराम बोलने नहीं दिया जायेगा। हिमंत ने झारखंड को देश का सबसे भ्रष्ट राज्य बताते कहा कि यहां के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को आदिवासियों से कोई प्रेम नहीं, केवल अपने लिए कुर्सी से प्रेम है। आदिवासी प्रेम होता, तो वह वरिष्ठ नेता चम्पाई को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाते। हिमंत बिस्वा सरमा शनिवार को जगन्नाथ मैदान, धुर्वा में प्रदेश भाजपा की विस्तृत कार्यसमिति सम्मेलन में बोल रहे थे।
घुसपैठिये आदिवासी बहन-बेटियों के साथ शादी का ढोंग करके जमीन हड़प रहे
उन्होंने आज राज्य में सरकार के संरक्षण में बढ़ते साम्प्रदायिक तनाव, घुसपैठियों के मनोबल पर हेमन्त सरकार पर निशाना साधा और कहा कि राज्य में घुसपैठिये आतंक मचा रहे हैं। राज्य में मुहर्रम के जुलूस में फिलिस्तीन के झंडे लहराये जा रहे हैं। रामनवमी के जुलूस के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बीते मुहर्रम में 12 जगह प्रदेश में तनाव हुए, लेकिन हिन्दुओं के आग्रह के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। घुसपैठिये आदिवासी बहन-बेटियों के साथ शादी का ढोंग करके जमीन हड़प रहे हैं।
अप्रत्याशित मतदाताओं की वृद्धि एक गम्भीर समस्या
राज्य में अप्रत्याशित मतदाताओं की वृद्धि एक गम्भीर समस्या हो गयी है और यह सब राज्य सरकार के संरक्षण में हो रहा। उन्होंने चेतावनी देते हुए ऐसे अराजक तत्त्वों से कहा कि तीन महीने जितना फिलिस्तीन का झंडा उठाना है उठा लो, जितना हिन्दुओ को गाली देना है दे लो,आगामी तीन महीने बाद झारखंड की भाजपा सरकार पाई-पाई का हिसाब करेगी।
उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार ने सहायक पुलिस कर्मियों को नौकरी तो नहीं ही दी, उन्हें चुनाव में ड्यूटी पर लगा कर पोस्टल बैलेट वोट से वंचित किया। उनके संवैधानिक अधिकार की हत्या की। संविधान और आरक्षण की बात करनेवाली सरकार ने चौकीदार की नियुक्ति में एससी समाज का आरक्षण खत्म कर दिया। बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोट से ज्यादा दिन तक राज नहीं किया जा सकता। झारखंड का आगामी चुनाव विधायक बनाने के लिए नहीं, बल्कि राज्य को बर्बादी से बचाने का चुनाव है। राज्य में परिवर्तन जरूरी है।