मुस्लिम लड़की से शादी करने के बाद जिस युवक को पिता ने घर से निकाल दिया। वहीं, 2 साल तक साथ रहने के बाद पत्नी भी अलग हो गई। इस बीच फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दिवाकर राउत की मौत हो गई। अस्पताल में इलाज के दौरान उसे कोई पूछने वाला नहीं था। लेकिन मौत के बाद शव को लेने के लिए पिता और पत्नी आमने-सामने हो गए हैं। पिता हिंदू रीति रिवाज से अपने बेटे का दाह संस्कार करना चाहता है, वही पत्नी मुस्लिम रीति रिवाज से उसे दबाना चाहती है। लेकिन आखिर में पत्नी की जीत हुई। यह मामला झारखंड की उप राजधानी दुमका का है।
युवक ने 2007 में मुस्लिम लड़की से की थी शादी
दुमका के बक्सीबांध निवासी बिंदेश्वरी राउत के बड़े पुत्र दिवाकर राउत ने वर्ष 2007 में मुस्लिम समुदाय की लड़की सुल्ताना से प्रेम विवाह किया था। यह शादी परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ हुई थी। इसलिए पिता ने बेटे को घर से बेदखल कर दिया। दोनों के दो बच्चे हुए। जीविकोपार्जन के लिए उसने एक छोटा सा गैराज भी खोल लिया। दो वर्ष से पत्नी के साथ उसकी तकरार होने लगी। वह पत्नी और बच्चों को छोड़ कर किराए के घर में अकेला रहने लगा। इस बीच वह कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो गया। इलाज के दौरान फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में आज उसकी मौत हो गयी।
आखिरकार पकने की हुई जीत
दिवाकर की मौत की खबर सुनकर उसके पिता और परिजन फूलो झानो मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहां उसकी पत्नी सुल्ताना बीबी भी मौजूद थी। शव ले जाने के लिए पिता और पत्नी आमने-सामने हो गए। दोनों शव को ले जाने की जिद पर अड़ गए। पत्नी मुस्लिम रीति-रिवाज से तो पिता हिन्दू रीति-रिवाज से शव का अंतिम संस्कार करना चाहते थे। लेकिन आखिर में जीत पत्नी की ही हुई।