Dhanbad news, Jharkhand news: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम चलाया जाएगा। 10 फरवरी को जिले के 2220 बूथ पर 4446 दवा प्रशासक द्वारा 26 लाख से अधिक लोगों को अपने सामने दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान को सफल बनाने के लिए 331 सुपरवाइजर भी क्रियाशील रहेंगे। वहीं छूटे हुए लोगों को 11 से 25 फरवरी तक दवा प्रशासक द्वारा घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक खलाई जाएगी।
अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर आज सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर जिले के 1154 गांव में 2220 बूथ पर 4446 दवा प्रशंसकों द्वारा 331 पर्यवेक्षकों की देखरेख में 26 लाख 52 हजार 960 लोगों को दवा खिलाई जाएगी। सिविल सर्जन ने बताया कि अभियान के दौरान सभी 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी), 34 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 141 हेल्थ सब सेंटर, सदर अस्पताल, शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल व धनबाद रेलवे स्टेशन पर में 2 – 2 सहित 190 बूथ पर लोगों को दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले के सभी लोगों से दवा लेने की अपील की।
इस तरह दी जाएगी दवा की खुराक
1 से 2 साल तक के बच्चे को एल्बेंडाजोल की आधी गोली (200 एमजी) पानी में घोलकर। 2 से 5 वर्ष तक को डीईसी की एक गोली (100 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली (400 एमजी), 6 वर्ष से 14 वर्ष तक डीईसी की 2 गोली (200 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली 300 (एमजी) एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली।
इन्हें नहीं दी जाएगी दवा
एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं अत्यंत वृद्ध एवं गंभीर बीमार व्यक्तियों को दवा की खुराक नहीं दी जाएगी।वीबीडी पदाधिकारी डॉ सुनिल कुमार ने कहा कि फाइलेरिया एक वेक्टर जनित लाइलाज तथा दूसरी सबसे बड़ी दिव्यांगता पैदा करने वाली बीमारी है। यह गंदे पानी में पनपने वाले संक्रमित मादा क्युलेक्स मच्छर के द्वारा काटने से फैलती है। यह जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन इसकी वजह से शरीर में विकृति पैदा होती है। इसलिए इस रोग के बचाव के लिए एमडीएम कार्यक्रम के दौरान सभी व्यक्तियों को दवा का सेवन करना आवश्यक है।
मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत 66 लाख 32 हजार 150 डीईसी तथा 26 लाख 56 हजार 003 एल्बेंडाजोल गोली की आवश्यकता रहेगी।मौके पर सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन, वीबीडी पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार, वीबीडी सलाहकार श्री रमेश कुमार सिंह, पीसीआई के जिला समन्वयक श्री अशोक कुमार, पिरामल फाउंडेशन के श्री अमरेंद्र कुमार झा मौजूद थे।