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झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र : तीसरा दिन हंगामे के बीच गूंजा रोजगार का मुद्दा

झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र : तीसरा दिन हंगामे के बीच गूंजा रोजगार का मुद्दा

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Ranchi news :  झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सत्र शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने रोजगार मुद्दे को लेकर सदन के बाहर बैनर-तख्ती लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही, सदन के अंदर भी रोजगार मुद्दे को लेकर हंगामा किया। भाजपा विधायकों ने हेमन्त सोरेन सरकार को पांच लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे को लेकर घेरा। भाजपा विधायकों ने कहा कि हेमन्त सोरेन ने चुनावी भाषण में कहा था कि पांच लाख नौकरी देंगे। साढ़े चार वर्ष हो गये, इस वादे का क्या हुआ। आंगनबाड़ी सेविका सहाय के रसोइया परमानेंट क्यों नहीं हुए, इसका जवाब हेमन्त सोरेन दें।

राज्य के कर्मचारी हड़ताल पर और यहां विधानसभा चल रही है, इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्या होगी : अमर बाउरी

नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि सरकार को झारखंड की कोई चिन्ता नहीं है। सिर्फ वह अपनी दृष्टिगत कारणों से राजनीति को मजबूत करने में लगी हुई है। राज्य के सभीे कर्मचारी हड़ताल पर हैं और विधानसभा चल रही है। इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्या हो सकती है। आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है। एससी-ओबीसी का आरक्षण, चौकीदार की बहाली, रेंजर की बहाली को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है, जो लोग संविधान की कॉपियां लेकर आरक्षण और संविधान के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे थे, आज उनकी सरकार आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त कर रही है।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर सरकार का जिस तरह से पक्ष आना चाहिए, उस तरह नहीं आ रहा है। कर्मचारियों के स्ट्राइक पर जाने के कारण सभी ब्लॉक के काम ठप्प पड़े हैं। इस सरकार ने कुछ नहीं किया है। हाई कोर्ट ने लैंड सर्वे, पेसा कानून, बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर कड़ी टिप्पणी की और सख्त आदेश दिये, लेकिन हाई कोर्ट की सभी बातों को एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देते हैं। झारखंड से जुड़े मुद्दे से इनका कोई वास्ता नहीं है। इनको आनन्द तब मिलता है, जब जमानत की बात आती है। तब ही इनकी हाई कोर्ट पर नजर रहती है। बाकी समय ये मौन रहते हैं।

अमर बाउरी के सदन में दिये गये एक बयान से हंगामा शुरू हो गया है। पक्ष और विपक्ष के विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। दरअसल, प्रदीप यादव और सुदिव्य कुमार सोनू के बयान पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरन को सिर्फ जमानत मिली है, वह बाइज्जत बरी नहीं हुए हैं। इसी के बाद हंगामा शुरू हो गया।

भाजपा के लोग कान पकड़ कर माफी मांगें : प्रदीप यादव

प्रदीप यादव ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की जमानत पर स्पष्ट निर्णय बता रहा है कि ईडी ने मनगढंत केस किया। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी और इनके सांसद निशिकांत दुबे ने पहले ही कहा था कि पूरा परिवार जेल जायेगा। साजिश के तहत इन लोगों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को जेल भेजा। भाजपा के लोग कान पकड़ कर माफी मांगें। सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि मुख्यमंत्री को जेल भेजने के पीछे आॅपरेशन लोटस का नया स्वरूप था, जिससे राज्य प्रभावित हुआ। इनके बड़बोले सांसद निशिकांत दुबे ने पहले ही घोषणा कर दी थी। साजिश के साथ राज्य के भविष्य के साथ खेला गया।

युवाओं और महिलाओं को ठग कर हेमन्त सरकार ने सत्ता हासिल की : बिरंची नारायण

भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि झारखंड में युवाओं और महिलाओं को ठग कर हेमन्त सोरेन ने सत्ता हासिल की है। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलने को लेकर सवाल किया जायेगा। बिरंची नारायण ने कहा कि इस सरकार ने 2019 में नौजवानों, महिलाओं और शिक्षकों को ठग कर सत्ता प्राप्त की। हेमन्त सरकार ने राज्य के सभी संविदा कर्मी को परमानेंट करने का वादा किया था, लेकिन क्या एक भी शिक्षक परमानेंट हुए, होमगार्ड परमानेंट हुए, क्या नौजवानों को आज तक नौकरी मिली, क्या बेरोजगारी भत्ता के रेट को 5000 से 7000 किया गया, क्या आंगनबाड़ी का पेमेंट किया। इन सभी विषयों को लेकर हम धरने पर बैठे हैं।

हमारी सरकार ने जितने रोजगार दिये, भाजपा की सरकार नहीं दे पायी : मिथिलेश ठाकुर

मिथिलेश ठाकुर ने बिरंची नारायण के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने जितने रोजगार दिये हैं। भाजपा की सरकार नहीं दे पायी। भाजपा अपने पांच साल के आंकड़े देख ले। उनके कार्यकाल में लोग 4000-5000 की नौकरी के लिए चेन्नई और बेंगलुरु जैसे मेट्रो सिटी चले गये। हेमन्त सरकार उनको अपने खर्च पर वापस लेकर आयी।

सरकार ने सबकी आवाजें दबाने की कोशिश की, भाजपा उनकी आवाज बनी : अनंत ओझा

अनंत ओझा ने कहा कि प्रदेश के नौजवान और संविदा कर्मियों की आवाज दबायी गयी है। भाजपा उनकी आवाज बन कर आयी है। ओझा ने कहा कि हेमन्त सोरेन की सरकार झूठे वादे कर सत्ता में आयी है। सरकार ने नौजवानों को ठगने का काम किया है। सदन के अंदर और बाहर भाजपा सवाल पूछ रही है कि क्या हुआ तुम्हारा वादा। सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज करनेवाले कौन लोग हैं, किसकी सरकार ने लाठीचार्ज किया।

4833.39 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित

झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा की गयी है। इस चर्चा के दौरान काफी हो-हंगामा भी हुआ। इसके बाद शाम के करीब 4.30 ध्वनिमत से 4833.39 करोड़ अनुपूरक बजट भी सदन से पास हो गया। झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को जोरदार हंगामे के बीच वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट पेश किया था।

अनुपूरक बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए सदन में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बालू को लेकर पूरे राज्य में चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि बालू नहीं मिलने से या बालू की कीमत बढ़ने से अबुआ आवास, पीएम आवास समेत गरीबों को आवास बनाने में दिक्कत हो रही है। लिहाजा, सरकार ने फैसला लिया है कि जो लोग टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें अब मुफ्त में बालू दिया जायेगा।

सुखाड़ पर विशेष व्यवस्था करेगी सरकार : रामेश्वर उरांव

अनुपूरक बजट पर सरकार का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उराव ने भरोसा दिया है कि हेमन्त सरकार सुखाड़ से निबटने के लिए विशेष व्यवस्था करेगी। सुखाड़ का तीसरा साल चल रहा है। विशेष व्यवस्था करनी होगी, इसके लिए मुख्यमंत्री को कहा है। सरकार की ओर से आश्वासन दे रहा हूं कि सरकार सुखाड़ के लिए विशेष व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि अनुपूरक की जरूरत का जवाब कल्पना सोरेन ने दिया था कि क्यों आर्टिकल 2005 के तहत राज्य सरकार लाती है। नयी योजनाओं के लिए, जेसीएफ से निकासी को रेगुलराइज करने के लिए और अनफोरेसेंट एक्सपेंडिचर के लिए अनुपूरक बजट सरकार लाती है।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि अनुपूरक बजट की क्यों जरूरत पड़ी है। 125 यूनिट से बढ़ा कर 200 यूनिट फ्री बिजली देना है। इसके लिए राशि की जरूरत है। बिजली के मीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री मईंया सम्मान योजना के तहत करीब 45 लाख महिलाओं को हर माह 1000 रुपये देना है। इसके लिए 872 करोड़ की जरूरत है। प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में केन्द्रांश के समरूप राज्यांश के तहत पैसा देना है। आपदा मद में खर्च के लिए राशि की जरूरत है। सुखाड़ का यह तीसरा साल चल रहा है। सिंकिंग फंड में राज्य सरकार ने 2272 करोड़ संरक्षित रखे हैं, इससे कम दर पर ब्याज लेने में मदद मिलेगी। प्रभारी मंत्री ने कहा कि अनुपूरक बजट से राज्य के राजकोष पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की।

हेमन्त सोरेन का पांच महीना कौन लौटायेगा : कल्पना

झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सदन में कल्पना सोरेन ने कहा कि आपलोग सभी माननीय हैं। कृपया सभी बैठ जायें। मेरी पहली स्पीच है, कृपया बैठ जायें। अपने मेडन स्पीच के दौरान सदन के अन्दर कल्पना सोरेन यह बार-बार बोलती रहीं।

स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो भी हंगामा कर रहे पक्ष और विपक्ष से बैठने का आग्रह करते रहे। बावजूद इसके हंगामा जारी रहा। स्पीकर के आग्रह पर कल्पना सोरेन ने बोलना शुरू किया। उन्होंने अपनी बात शुरू करने से पहले सीएम हेम्न्ंत सोरेन और सदन के सभी सदस्यों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता हेमन्त सरकार के साथ खड़ी है। टीवी चैनल, न्यूज एजेंसी और समाचार पत्र जो विचार छापते थे, आज चुप हैं। बीच-बीच में हंगामा चलता रहा। कल्पना ने कहा कि मणिपुर में जब आदिवासी महिला के साथ अन्याय हो रहा था, तब केन्द्र सरकार कहां थी। उन्होंने पूछा कि हेमन्त सोरेन का पांच महीना कौन लौटायेगा। कल्पना सोरेन के मेडन स्पीच के दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सदन के अन्दर मौजूद रहे। कल्पना सोरेन ने कहा कि विपक्ष गरीब, आदिवासी और महिला के खिलाफ है। हेमन्त सोरेन की सरकार इन सभी के लिए अनुपूरक बजट लायी है। इन पैसों से गरीब, आदिवासी और महिलाओं की बेहतरी के लिए काम होना है। भाजपा के लोग इनका विकास नहीं चाहते हैं। ये लोग कटौती चाहते हैं। इनका यही काम है।

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