Dhanbad News : नेशनल फेडरेशन ऑफ अम्बेडकर मिशन सहित अन्य अम्बेदकरवादी संगठनो द्वारा मनुस्मृति दहन और बाबासाहेब डॉ अम्बेडकर को भारतीय संसद में संविधान परिचर्चा के दौरान किये गए अपमान जनक बात-व्यवहार से आक्रोशित व उद्घोलित लोगो द्वारा गृह मंत्री अमित शाह को सार्वजनिक रुप से मॉफी माँगने और मंत्री पद से अविलम्ब इस्तीफा देने की मांग को लेकर रणधीर वर्मा चौक पर एक दिवसीय धरना एव विरोध दिवस का कार्यक्रम किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता मिशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता शशि भूषण कुमार ने और संचालन राकेश चौधरी ने की।
“भारतीय समाज और देश में मनुस्मृति के विधि विधानो को जबरन थोपने की कोशिश की जा रही है“
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वक्ताओ ने कहा कि देश में 75 वर्षों से संविधान लागू है फिर भी भारतीय समाज और देश में मनुस्मृति के विधि विधानो को जबरन थोपने की कोशिश की जा रही है । इससे समाज में भेद-भाव असमांता, कट्टरता, पाखण्डता, उत्पीडन अधिकारहीन्ता को बढ़वा मिलेगा। मनुस्मृति दहन के बाद बाबासाहब एवं अन्य प्रगतिशील लोगो ने 25 दिसम्बर 1927 के महा सत्याग्रह आंदोलन के माध्यम से समाज में समान्ता बंधुता का संदेश दिया वो आज भारतीय संविधान के लोकतंत्र धर्मनिपेक्षता को मनुस्मृति की मानसिकता को ही खत्म किया जा रहा है । जो आज के वैज्ञानिक युग में वैज्ञानिक एंव प्रगतिशित विचारो को खत्म कर मनुस्मृति एंव सावरकर पंथि विचारो और विधानो को लागू करने के लिए कट्टरपंथी लोग सर उठा रहे है और आज समाज में वैमनस्था, भेद-भाव फैलाया जा रहा है जो घोर चिन्तनीय का विषय है । हम सब इन सब विचारो का कड़ा विरोध करते है। इसे कभी भी लागू नही होने दिया जाएगा । इसके लिए जो भी कुर्बानी देनी होगी हम लोग देंगे।
“भारतीय जनता पार्टी मनुस्मृति को भारत के संविधान के रुप में स्थापित करने के जिद पर अड़ा हुआ है“
दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य अध्यक्ष ने कहा कि आर०एस०एस० के गर्भ से पैदा होनेवाली भारतीय जनता पार्टी मनुस्मृति को भारत के संविधान के रुप में स्थापित करने के जिद पर अड़ा हुआ है। संविधान बदलना चाहते है क्योंकि यह ग्रन्थ गुलाम बनाकर वर्ण व्यवस्था को स्थापित करता है। अमित शाह को गृह मंत्री के पद पर रहने का कोई अधिकार नही है। सभा को सेवा निवृति प्रखण्ड विकास पदाधिकारी मिथलेश प्रसाद, अम्बेडकर मिशन के महासचिव मधेशर प्रसाद, सचिव दिलीप राम, प्रो० कासी नाथ चटर्जी, बी०एन० प्रसाद, एम०पी० शास्ती, विक्रम प्रसाद यादव, मफूज आलम, बब्लु दास, बबन पासवान, लालधारी रजक, संतोष कुमार, दिनेश पासवान, महेश दास, गोपाल दास, राजा राम भुईया, विजय पासवान, बिनोद पासवान, कुन्दन कुमार, रामरुप दास, धर्मराज धारी, रामबालक धारी, साधु दास, तरुण दास, महेश दास, सामु दास, कुन्दन कुमार, अशोक पासवान, विनय दास, रणधीर बोद्व, दास, धमेन्द्र कुमार, इत्यादी लोग संबोधित किये।