Breaking news, Ranchi news, Ranchi top news, Ranchi update, Jharkhand news, Jharkhand top news, Jharkhand update : जिले के मैक्लुस्कीगंज के दुल्ली करम कोचा स्थित भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के आॅप्टिकल फाइबर बिछाने के काम में लगे एक कंटेनर को नक्सलियों ने फूंक दिया, जिसमें एक मजदूर जिन्दा जल गया। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम भी मैक्लुस्कीगंज पहुंच कर जांच कर रही है। ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल और एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की।
बताया कि मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र के दुल्ली करम कोचा में एसआईपीएल कम्पनी बीएसएनल का आॅप्टिकल फाइबर बिछाने का काम कर रही है। मंगलवार की रात करीब 9:43 बजे चार अज्ञात हथियारबंद नक्सलियों ने वहां धावा बोला और कंटेनर में आग लगा दी। इससे पहले फायरिंग करके दहशत फैलायी।
बताया जा रहा है कि नक्सली बोतल में पेट्रोल भर कर लाये थे। उन्होंने कंटेनर पर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। साथ ही, कंटेनर के अगले टायर में गोली मार दी। घटना की सूचना मिलने के बाद खलारी डीएसपी आरएन चौधरी, इंस्पेक्टर विजय सिंह और मैक्लुस्कीगंज के थाना प्रभारी गोविंद कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। सीसीएल से रेस्क्यू टीम को बुलाया गया। तब तक कंटेनर पूरी तरह से जल गया था। साथ ही, उसके अंदर रखा एचडीडी मशीन, डीजी ट्रैकर सहित अन्य सामान जल कर राख हो गये। लगभग एक करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।
बताया गया कि आपरेटर अखिलेश ठाकुर, मजदूर गुड्डू भुइयां, धर्मेन्द्र भुइयां, गोलु भुइयां, सुखल भुइयां और रवि भुइयां (सभी छल्लीदोहर के रहनेवाले) और बांकेबाजार निवासी गुड्डू भुइयां साइट पर काम कर रहे थे। इस बीच नक्सली आ धमके। सभी मजदूर नक्सलियों को देख कर वहां से भाग गये। ठेकेदार के कर्मचारियों ने बताया कि घटना के बाद बुधवार सुबह जब घटनास्थल पर पहुंचे, तो सबसे पहले मजदूरों को ढूंढा गया। सभी पांच मजदूर सुरक्षित मिले, लेकिन एक मजदूर लापता था। खोजबीन के दौरान मजदूर संजय भुइयां (25) का जला हुआ शव कंटेनर के अंदर मिला। तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी गयी।
माओवादियों ने पहले छोड़ा था धमकी भरा पर्चा
संवेदक के कर्मचारी ने बताया कि 19 अप्रैल को चामा के निकट काम के दौरान नक्सलियों ने संवेदक के नाम एक पर्चा छोड़ा था। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी कोयल संख जोनल कमेटी के लेटर पैड पर काम बंद करने और संगठन से बात करने की हिदायत दी गयी थी। रवींद्र जी के नाम से जारी पर्चा में धमकी दी गयी थी कि यदि काम बंद नहीं हुआ, तो जान-माल की हानि हो सकती है। साथ ही, यह भी कहा था कि पुलिस को इसकी सूचना दी, तो अंजाम बुरा होगा।