धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड मामले में बीते पांच वर्षों से जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह का सफाई बयान शुक्रवार को धनबाद कोर्ट में दर्ज हुआ. यह बयान गुरुवार को ही दर्ज कराया जाना था, लेकिन बयान दर्ज होने की प्रक्रिया के दौरान संजीव सिंह ने अदालत से प्रार्थना की थी कि हाई डोज ऐंटीबायोटिक खाने के कारण वो बोलने मे असमर्थ हैं और खड़ा भी नहीं हो पा रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने 15 जुलाई की तारीख दी थी। संजीव सिंह के दर्ज कराए गए बयान के संदर्भ में उनके अधिवक्ता जावेद ने बताया कि उन्होंने कोर्ट को बताया कि वह तत्कालीन झरिया विधायक थें, सरकार की तरफ से मिले 12 सुरक्षाकर्मियों की मैजूदगी में घटना से पहले घटना के समय और घटना के बाद वह सिंह मेंशन स्थित अपने आवास में ही थे। रघुकुल के सदस्यों के द्वारा पुरानी रंजिश को लेकर उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। इसके साथ ही केस के अनुसंधानकर्ता भी उनसे मिले हुए थे। संजीव सिंह के अलावा दो अन्य आरोपियों की भी सफाई बयान अदालत में दर्ज किया गया।
बचाव पक्ष के वकील ने घटना का वर्णन किया
21 मार्च 2017 की शाम 7 बजे नीरज सिंह अपने फाॅच्यूनर कार से सरायढ़ेला स्थित अपने आवास रघुकुल से लौट रहे थे। वह ड्राइवर के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढ़ेला न्यू काॅलोनी के रहने वाले अशोक यादव और निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाइक पर सवार कम से कम 4 हमलावरों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद कार पर गोलियों की बरसात कर दी गई। चारों तरफ से 9 एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गयी थी। गाड़ी में सवार अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो और नीरज सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी।