Patahi, motihari news: नेपाल के त्रिशूली नदी में गिरी यात्रियों से भरी बस में सवार भीतघरवा गांव निवासी नरेश साह व उसकी पत्नी रिंकू देवी का शव अब तक नहीं मिला है। परिजनों ने भी दोनों के जिंदा होने की उम्मीद छोड़ दी है। रविवार को परिजनों ने दोनों का पुआल बनाकर दाह संस्कार कर दिया। गौरतलब हो कि चार दिन पहले नेपाल में लैंड सलाइड होने से दो बस त्रिशूली नदी में जा गिरी थी, उसी बस में नरेश उसकी पत्नी रिंकू, उसका साला, सास और ससुर सवार थे। साले ने बस का सीसा तोड़ खुद की तो जान बचा ली, लेकिन वह चारों उसी में फंसे रहे गए।
नेपाल सरकार का रेस्क्यू है जारी
घटना के बाद नेपाल सरकार का रेस्क्यू जारी है। अब तक किसी का कुछ पता नहीं चल पाया है। नरेश के परिजन टकटकी लगाए थे, अब सूचना मिलेगी तब मिलेगी। लेकिन, नेपाल सरकार अब तक कोई सूचना नहीं मिली। परिजन ने पुआल का पुतला बनाकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
गांव में पसरा है मातमी सन्नाटा
रविवार को नरेश के पिता वृद्ध रामलाल शाह के सब्र का बांध टूट पड़ा। बेटे और बहू का जब कोई आता पता नहीं लगा, तब पुतला बनाकर हिंदू रीति रिवाज से गांव के श्मशान घाट पर उसका दाह संस्कार कर दिया। वहां मौजूद सभी की आंखे नम हो गई। मृतक की इकलौती पुत्री विभा का रो-रो कर बुरा हाल है। वह अपने पिता और मां को याद कर बार-बार बेहोश हो जा रही थी। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है।