12 से 14 वर्ष के बच्चों के बाद अब धनबाद में 7 से 11 वर्ष के बीच के बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया जाएगा। सिरम इंस्टीट्यूट के अनुमति मिलने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सूचित किया है।इसी के तहत अब धनबाद में भी ऐसे बच्चों की संख्या और पहचान के लिए माइक्रोप्लान का काम शुरू हो गया है। सिविल सर्जन डॉक्टर श्याम किशोर कांत ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण सबसे बेहतर उपाय है। इसे लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है। इसी के तहत 7 से 11 वर्ष के बीच के बच्चों को टीकाकरण से जोड़ने की कवायद शुरू की गई है।
धनबाद में करीब तीन लाख बच्चे इस उम्र वर्ग के
फिलहाल माइक्रोप्लान का काम जारी है। विभागीय आंकड़ों की मानें तो धनबाद में 7 से 11 वर्ष के बीच के बच्चों की संख्या लगभग तीन लाख है। हालांकि जल्द ही इसकी वास्तविक संख्या भी पता चल जाएगी। सिविल सर्जन डॉक्टर किशोर ने इस संबंध में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों को निर्देश दिया है। माइक्रो प्लान बनाकर सभी प्रभारियों को जिला मुख्यालय को समर्पित करना है। इसके बाद जिले से यह रिपोर्ट तैयार होकर राज्य मुख्यालय भेजी जाएगी, जहां पर लक्षित ग्रुप निर्धारित किया जाएगा और इस समूह को टीकाकरण से जोड़ा जाएगा।
टीकाकरण में नियमों का किया जाएगा पालन
सिविल सर्जन ने बताया कि टीकाकरण में पूरी तरह से नियमों का पालन किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सामंजस्य स्थापित किया जाएगा। सबसे ज्यादा टीकाकरण केंद्र निजी और सरकारी स्कूलों में बनाए जाएंगे। इसके लिए सभी स्कूल के प्राचार्य से ही समय लिया जाएगा। टीकाकरण में बच्चों के अभिभावकों की भी अनुमति ली जा रही है। इन्हें टीकाकरण के प्रति जागरूक किया जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि टीकाकरण से संक्रमण की संभावना बेहद कम हो जाती है। वहीं वायरस से लड़ने में शरीर सक्षम हो जाता है।