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अब धनबाद में ही ले सकेंगे जंगल का मजा, दामोदरपुर में वन विभाग ने शुरू की नगर वन बनाने की प्रक्रिया

अब धनबाद में ही ले सकेंगे जंगल का मजा, दामोदरपुर में वन विभाग ने शुरू की नगर वन बनाने की प्रक्रिया

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धनबाद का पहला नगर वन दामोदरपुर में बनाया जाएगा। इसे केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है। दामोदरपुर में 9.5 हेक्टेयर वन भूमि विभाग ने चिह्नित की है।इसे ऐसा बनाया जाएगा, ताकि शहरी क्षेत्र में लोगों को जंगल का अहसास हो सके। यहां पौधारोपण के साथ जाॅगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक तथा अलग-अलग वाटिकाएं बनाई जाएंगी।

नगर निकाय सीमा में वन के लिए 10 से 50 एकड़ के बीच जमीन होनी जरूरी

वैसे तो जैव-विविधता संरक्षण के लिए दूरदराज के जंगली क्षेत्रों पर ही ध्यान दिया जाता रहा है, लेकिन बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी जैव-विविधता संरक्षण के लिए शहरों में वन लगाने का निर्णय लिया है। नगर वन योजना में शर्त यह है कि नगरीय निकाय सीमा में 10 से 50 एकड़ के बीच वन विभाग की जमीन होनी चाहिए।

शहर का प्रदूषण भी होगा कम

यह योजना नगर निकायों, विकास प्राधिकरण, गैर सरकारी संगठनों, उद्योगों तथा स्थानीय नागरिकों के बीच भागीदारी और सहयोग पर आधारित होगी। केंद्र सरकार नगर वन विकसित करने के लिए फंड उपलब्ध कराएगा जो पौधारोपण व फेंसिंग के लिए होगी। इसे इस तरह विकसित किया जाएगा, ताकि लोग जंगल के बारे में जागरूक हो सकें। नगर वन बनने से धनबाद शहर के प्रदूषण में भी कमी आएगी।

जय विविधता संरक्षण जरूरी : संजीव कुमार

इस संबंध में वन विकास अभिकरण रांची के अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक संजीव कुमार ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी जैव-विविधता संरक्षण आवश्यक हो गया है। इसी उद्देश्य के साथ शहरों में भी नगर वन बनाया जा रहा है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। पूरे देश में 75 नगर वन बनाए जा रहे हैं, जिसमें धनबाद भी शामिल है। आठ जुलाई को पूरे देश में पौधरोपण के साथ नगर वन का शुभारंभ किया जाएगा।

नगर वन में और क्या-क्या होगा

नगर वन की चारों ओर से फेंसिंग की जाएगी।

स्थानीय प्रजाति के पौधे व झाड़ियां लगाई जाएंगी।

थीम आधारित पौधारोपण के जरिए स्मृति वन व नक्षत्र वन आदि बनाए जाएंगे।

जैव-विविधता के लिए सभी प्रकार के सजावटी, झाड़ियां, बेलदार, औषधीय, पुष्प व फलों के पौधे लगाए जाएंगे।

 रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होगी।

पेयजल, बेंच, फुटपाथ, जागिंग और साइकिल ट्रैक बनाया जाएगा।

जागरूक करने के लिए कियास्क, डिस्प्ले बोर्ड, साइनेज लगाया जाएगा।

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