कोयला नगर धनबाद के सामुदायिक सभागार में शनिवार को बैंक आफ इंडिया इम्पलॉयीज यूनियन, झारखंड के आहवान पर धनबाद अंचल (संथाल परगना जिले सहित ) सभी कामरेडो की एक आम सभा संपन्न हुई। इसमें फेडरेशन बैंक आफ इंडिया स्टाफ युनियन एवं बैंक आफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन, झारखंड के महासचिव कामरेड दिनेश झा ललन मुख्य वक्ता व अतिथि थे, साथ ही साथ झारखंड राज्य के उप महासचिव कामरेड उमेश दास, संगठन मंत्री कामरेड सिद्धेश नारायण दास, कोषाध्यक्ष प्रदीप झा एवं अन्य वरिष्ठ नेतागण मोजूद थे। महासचिव कामरेड दिनेश झा ललन ने बैंकों की वर्तमान स्थिति, पूंजीवादी सरकार द्वारा बैंकों का निजीकरण व मर्जर, श्रमिक विरोधी नीति, द्विपक्षीय समझौतों के तहत लम्बित मांगों, श्रमिकों पर बैंकों में काम का बढ़ता बोझ, श्रमिकों की बहाली न होना, हमारी सेवा शर्तें, संगठनात्मक संरचना को सुदृढ़ बनाने, बैंकों की एनपीए का ग़लत ढंग से समायोजन, बैंकों को हाथों में बेचने की तैयारी व वर्तमान सरकार का बैंकों पर अनायास आर्थिक बोझ, सरकार की ग़लत नीतियों के वजह से बैंकों का नुक़सान आदि पर विस्तृत चर्चा की।
संगठित होकर एकजुट रहने का आह्वान
उपमहासचिव कामरेड दास ने झारखंड राज्य में बैंक आफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन, झारखंड के कार्यकलापों पर प्रकाश डाला एवं संगठन मंत्री कामरेड सिद्धेश नारायण दास ने अपने ओजस्वी भाषण से संगठनात्मक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की एवं कामरेडो में संगठन के प्रति जागरूक कर काफी उत्साहित किया। उन्होंने आने वाले समय में संगठित होकर एकजुट रहने को कहा। युवा साथी कोषाध्यक्ष प्रदीप झा ने युवा साथियों को समय की मांग को देखते हुए सभी कामरेडो युवा साथियों एवं महिला साथी को संगठन के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया।
कामरेड तारक बनर्जी ने की अध्यक्षता
सभा की अध्यक्षता कामरेड तारक बनर्जी ने की एवं सभा का सफल संचालन कामरेड केदार सिंह ने किया और अन्त में धन्यवाद ज्ञापन कामरेड अमित कुमार चन्द्र वंशी ने की। इस सभा को सफल बनाने में हमारे उपसचिव कामरेड राकेश कुमार का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा। हमारे अंचल के सभी कामरेडो युवा व महिला साथियों का सहयोग बहुत ही सराहनीय रहा। आज की सभा में हमारे महासचिव कामरेड दिनेश झा ललन द्वारा नये कार्य कारिणी सदस्यों का भी चयन किया गया। सभा में हमारे संगठन से जुड़े अवकाश प्राप्त कामरेड भी शामिल हुए। सभा को सफल बनाने में व सभा स्थल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में कोयला भवन के कर्मचारियों का महत्व पूर्ण योगदान रहा।