Ranchi news, Jharkhand news : 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने राज्य वासियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 26 जनवरी, 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था। संवैधानिक स्वतंत्रता के प्रभावी होने का यह दिवस देश के वास्तविक सम्प्रभु भारत के जन-जन के अभिनन्दन का भी दिन है। इस अवसर पर मैं, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान नेताओं ; यथा महात्मा गांधी, गोपालकृष्ण गोखले, बाल गंगाधर तिलक, वी. ओ. चिदम्बरम पिल्लै, लाला लाजपत राय, चन्द्रशेखर आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, मौलाना अब्दुुल कलाम आजाद और बाबा साहेब भीम राव अम्बेदकर आदि को नमन करता हूं। साथ ही, झारखण्ड के महान सपूत बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हू, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, पांडे गणपत राय, टिकैत उमराव सिंह के अविस्मरणीय बलिदानों को भी याद करते हैं, जिन्होंने अपना बलिदान देकर औपनिवेशिक शासन से हमारे देश को आजाद कराया।
इस पवित्र दिवस पर सीमाओं पर डटे रह कर देश की रक्षा करनेवाले वीर सैनिकों एवं देश के भीतर विधि व्यवस्था को बनाये रखने एवं आन्तरिक सुरक्षा के लिए दिन रात मेहनत करनेवाले पुलिस बल एवं अर्द्धसैनिक बलों का अभिनन्दन करता हूं। जिस विलक्षण प्रतिभा और दूरदर्शिता के साथ, जनता की आशाओं और अधिकारों के संरक्षक के रूप में भारत के संविधान का निर्माण किया गया था, उसने अपनी सार्थकता बीते 74 वर्षों में स्वयं-सिद्ध की है। आइये, आज के दिन हम एक बार फिर यह संकल्प लें कि हम अपने संविधान के प्रति अटूट आस्था बनाये रखेंगे और इसकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। हमारा संविधान कहता है कि प्रत्येक नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता है। सभी को प्रतिष्ठा और अवसर की समानता का अधिकार है। मैं, बडे ही गर्व के साथ यह कहता हूं कि हमारे संविधान की छत्र-छाया में हमने जिस तरह सात दशकों से भी अधिक समय तक अपने हितों की सुरक्षा पायी, सर्वांगीण विकास किया, भविष्य में भी हम इसकी छत्र-छाया में निरन्तर आगे बढ़ेंगे।
हमें इस बात का गर्व है कि हम सांस्कृतिक, भाषाई एवं सामाजिक विविधताओं के साथ विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। हमने अभी-अभी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे किये हैं और आज मजबूत और प्रगतिशील भारत बड़े गर्व और उल्लास से अमृत काल मना रहा है।
उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को 2047 तक विकसित बनाने की कार्य योजना पर कार्य कर रहे हैं। जब हमारा देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर लेगा, विकसित भारत अभियान 2047 को साकार करने के लिए विकास की इस यात्रा में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को शामिल किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा, “हमारी सरकार ने हमेशा से सुशासन एवं न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है और सभी क्षेत्रों और वर्गों के विकास के लिए सरकार संकल्पित है। सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के सर्वांगीण विकास का लगातार प्रयास कर रही है। भ्रष्टाचार सरकार की इन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में बाधक नहीं बनना चाहिए। किसी भी रूप में और किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बरदाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा किराज्य पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों ने नक्सलवाद को नियंत्रित करने में शानदार उपलब्धि हासिल की है। पुलिस के आधुनिकीकरण एवं इस संसाधन से परिपूर्ण बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि पुलिस अपना काम निर्बाध रूप से कर सके। विधि व्यवस्था को बनाये रखने एवं अपराध नियंत्रण के लिए सबका तत्पर रहना आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा, “हमारा राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है। राज्य की बहुसंख्य जनता कृषि पर निर्भर है। कृषि और किसान ; दोनों की उन्नति हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य के सभी किसानों के पास खेती करने के लिए पर्याप्त सिंचाई के साधन उपलब्ध हों, इसके लिए हमारी सरकार द्वारा बिरसा सिंचाई कूप योजना के नाम से एक नयी योजना प्रारम्भ की गयी है। इस योजना के तहत 01 लाख कुआं का निर्माण किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में सिंचाई सुविधा का विस्तार करने की दिशा में कुल 49 सिंचाई योजनाओं का पुनरुद्धार कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिससे लगभग 54 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर सिंचाई सुविधा पुनर्बहाल की गयी है एवं विभिन्न जिलों में 24 योजनाओं के नहरों का पुनरुद्धार कार्य प्रगति पर है, जिसे अगले वर्ष में पूर्ण कर अतिरिक्त 42 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर सिंचाई सुविधा पुनर्बहाल की जा सकेगी।
राज्यपाल ने कहा, “राज्य में कृषि को लाभप्रद बनाने के उद्येश्य से किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा किसानों को रु 117 प्रति कि. की दर से बोनस भी दिया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत आच्छादित परिवारों को सितम्बर, 2023 से प्रतिमाह 01 (एक) किलोग्राम चना दाल 01 रुपया प्रति किलोग्राम की अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।पीएम जनमन योजना के माध्यम से जनजातीय समुहों को विशेष रूप से आदिम जनजातीय समुहों को मूल धारा में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत आवास, पीने के स्वच्छ पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा पोषण संचार एवं रोजगार उपलब्ध कराये जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार राज्य में पारिस्थितिकी संतुलन बनाये रखने तथा पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रयासरत है। इस क्रम में मुख्यमंत्री जन वन योजना सहित अन्य योजनाओं के माध्यम से वर्ष 2023-24 में लगभग 29 हजार हे. भूमि पर 02 करोड़ से अधिक पौधे लगाये गये हैं। राज्य में वनाच्छादन को बढ़ाने का सरकार लगातार प्रयास कर रही है।”
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में इको-टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं हैं। पलामू व्याघ्र परियोजना, दलमा एवं हजारीबाग वन्य प्राणी आश्रयणी में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु वहां आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने से राज्य में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। साथ ही, राज्य सरकार को विकास कार्यों के लिए राजस्व प्राप्त हो रहा है। राज्य के गरीबों, पिछड़ों, वंचितों, किसानों एवं मजदूरों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कृतसंकलिप्त है और इस दिशा में गम्भीर प्रयत्न भी कर रही है। देवघर एम्स की स्थापना इस दिशा में एक मील का पत्थर है। राज्य में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार हुआ है। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाई, उपकरण एवं जांच की सुविधा उपलब्ध है। बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना का विकास किया गया है एवं कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। राज्य के आदिम जनजाति समुदाय बाहुल्य ग्रामों के निवासियों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निमित्त वर्ष 2023-24 में चलंत ग्राम क्लीनिक योजना की स्वीकृति दी गयी है।
उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उपस्थित होनेवाले 03 से 06 वर्ष के सभी बच्चों को ठंड से बचाव एवं शीतकाल में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराने हेतु गर्म पोशाक उपलब्ध करा रही है। वर्तमान में लगभग 13 लाख बच्चों को गर्म पोशाक दी जा रही है।
राज्यपाल ने कहा, “हमारी सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। आधुनिक शिक्षा व्यवस्था एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए झारखण्ड के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं बेहतर अवसर उपलब्ध कराना ही सरकार का मुख्य ध्येय है।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास एवं प्रसार हेतु अब तक 54 नये महाविद्यालयों की स्थापना की गयी है। साथ ही, राज्य में अब तक 18 निजी विश्वविद्यालय स्थापित हैं। जिसमें 15 विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा, “राज्य के वैसे छात्र, जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को बैंकों के माध्यम से 04 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अधिकतम 15 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना तथा एकलव्य प्रशिक्षण योजना के माध्यम से छात्र/छात्राओं को निःशुल्क प्रशिक्षण एवं कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की नयी नीतियों एवं फैसलों के आधार पर रत्नगर्भा झारखण्ड, औद्योगिक विकास के एक नये युग में प्रवेश कर चुका है। आज देश-विदेश की कई बड़ी औद्योगिक कम्पनियां झारखण्ड में निवेश करने हेतु अपनी रुचि एवं तत्परता दिखा रही हैं। राज्य में तीव्र औद्योगिक विकास तथा लाॅजिस्टिक क्षेत्र में निवेश के उद्देश्य से झारखण्ड औद्योगिक पार्क एवं लाॅजिस्टिक नीति-2022 अधिसूचित किया गया है। राज्य सरकार ने इलेक्ट्रोनिक वाहनों के राज्य में विकास हेतु नये निवेशकों को इस क्षेत्र में उद्योग लगाने हेतु आकर्षित करने के उद्देश्य से झारखण्ड इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 को अधिसूचित किया है। इससे प्रदूषण में कमी तो होगी ही, साथ ही नये उद्योग तथा चार्जिंग स्टेशन के निर्माण से रोजगार सृजन भी हो सकेगा।
राज्यपाल ने कहा, “हमारी सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी के तहत् झारखण्ड आई . टी. डेटा सेंटर एवं बीपीओ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन पाॅलिसी-2023 तथा झारखण्ड स्टार्टअप पाॅलिसी-2023 को अधिसूचित किया गया है, जिससे राज्य के युवाओं को उद्यमिता में काफी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। गरीबी खत्म करने के लिए महिलाओं का सशक्त एवं आत्म निर्भर होना आवश्यक है। आजीविका मिशन के अन्तर्गत महिलाओं को आर्थिक एवं तकनीकी मद्द के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। मनरेगा योजना के अन्तर्गत महिलाएं मेट एवं बागवानी सखी के रूप में कार्य कर रही हैं। इससे मनरेगा में मानव श्रम में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ कर 48 प्रतिशत हो गयी है।
राज्यपाल ने कहा कि सतत विकास के लिए राज्य की आधारभूत संरचना का मजबूत होना नितांत आवश्यक है। आधारभूत संरचना मजबूत होगी, तभी राज्य के विकास को अपेक्षित गति मिल सकेगी। इस तथ्य को ध्यान में रखकर सरकार बिजली, सड़क, परिवहन आदि विषयों पर सुधार हेतु गम्भीरता से प्रयास कर रही है। हमारी सरकार राज्य के नागरिकों को 24×7 बिजली उपलब्ध कराने के अपने संकल्प की ओर तीव्र गति से कार्यरत है। विद्युत आपूर्ति कार्य में गुणात्मक सुधार हेतु नये विद्युत उप शक्ति केन्द्रों का निर्माण, 33/11 के.वी. लाइन का निर्माण, पुराने लाइनों का सुदृढ़ीकरण, नये ट्रांसफाॅर्मरों का अधिष्ठापन आदि कार्य प्राथमिकता के तहत कराये जा रहे हैं। हमारी सरकार द्वारा संचिालित 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से प्रति माह 19 लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। इसी राज्य के विकास के रथ को गति प्रदान करने हेतु हमारी सरकार गुणवत्तापूर्ण सड़कों का जाल पूरे राज्य में बिछा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2096 करोड़ की लागत से 81 पथ 02 पुल तथा 03 पथ उपरी पुल योजनाओं का विधिवत उद्घाटन किया गया है। साथ ही, स्वीकृत योजनाओं में 1714 करोड़ राशि के 64 पथ एवं पुल योजनाओं का शिलान्यास किया गया है।
उन्होंने कहा किझारखण्ड में रेल परिचालन की स्थिति में लगातार सुधार हो रहे हैं। नयी ट्रेने जैसे वंदे भारत एक्सप्रेस के माध्यम से राज्य को देश के अन्य क्षेत्रों से जोड़ा जा रहा है, जिससे लोगों को आवागमन की सुविधा में बढ़ोतरी हुई है। हवाई परिवहन, वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकरण की सुविधा प्रदान करता है। राज्य में सशक्त हवाई परिवहन व्यवस्था होने से यह व्यापार उत्पन्न करने, पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में सहायक होगा।