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आदिवासियों को सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध : हेमन्त सोरेन 

आदिवासियों को सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध : हेमन्त सोरेन 

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खरसावां गोली कांड के अमर वीर शहीदों के सम्मान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री, वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Jharkhand news, Ranchi news, Jharkhand top news, Ranchi top news, Jharkhand update, Ranchi update : यह शहीद स्थल नहीं, आदिवासियों का प्रेरणा स्थल है। यहीं से हमें आदिवासियों को एकजुट करने और आगे बढ़ाने की ताकत मिलती है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सोमवार 01 जनवरी को सरायकेला-खरसावां जिला के खरसावां में खरसावां गोली कांड के अमर वीर शहीदों के सम्मान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित कर रहे थे।  इस अवसर पर उन्होंने शहीद पार्क में शहीद स्मारक (शहीद बेदी) और वीर शहीद केरसे मुंडा चौक में शहीद स्मृति चिह्न पर माल्यार्पण कर इन वीर शहीदों को नमन किया।

आदिवासियों का संघर्षों से रहा है पुराना रिश्ता 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम इतिहास के पन्नों को पलटेंगे, तो पता चलेगा कि आदिवासियों का संघर्षों से पुराना रिश्ता-नाता रहा है। जल- जंगल-जमीन से लेकर अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों ने लगातार उलगुलान किया। झारखंड अलग राज्य के आन्दोलन में आदिवासियों ने अपना सब कुछ झोंक दिया। इन आन्दोलनों और संघर्षों में अनगिनत आदिवासियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। आज हम उन्हीं शहीदों के सपनों का झारखंड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

आदिवासियों को हमेशा से नजरअंदाज किया गया 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी हमेशा नजरअंदाज किये जाते रहे। हमारे नीति निर्धारकों ने इनके विकास, कल्याण और हित की दिशा में बहुत गम्भीरता नहीं दिखायी। यही वजह है कि आदिवासी आर्थिक,  सामाजिक, शैक्षणिक, बौद्धिक और राजनीतिक रूप से कमजोर और पिछड़े बने रहे। हमारी सरकार आदिवासियों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ।

आदिवासियों को दिला रहे उनकी पहचान 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक ऐसा राज्य है,  जिसकी पहचान आदिवासियों से होती है। फिर भी, पिछले दो दशकों के दौरान आदिवासियों को हमेशा हाशिये पर रखने का कार्य होता रहा। हमारी सरकार ने यहां के आदिवासियों और उनकी सभ्यता, संस्कृति तथा परम्परा को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के  लिए आदिवासी दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन प्रारम्भ किया।  मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आनेवाले दिनों में इसका आयोजन इतना भव्य और शानदार होगा कि पूरी दुनिया से आदिवासी झारखंड आयेंगे और इस समारोह की शान बढ़ायेंगे।

आदिवासियों के मान-सम्मान से खिलवाड़ नहीं होने देंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कुछ ऐसे तत्त्व हैं, जो आदिवासी समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।  कभी जल, जंगल और जमीन से आदिवासियों को उजाड़ने की कोशिश होती है, तो कभी सीएनटी और एसपीटी में छेड़छाड़ होता है। आदिवासियों की परम्परा, सभ्यता और संस्कृति पर भी हमला किया जाता  है। लेकिन, यह सरकार आपने बनायी है। ऐसे में हम आदिवासियों के मान-सम्मान और स्वाभिमान से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने देंगे। आदिवासी समाज को जो भी तोड़ने की कोशिश करेगा, उसे उसका माकूल जवाब दिया जायेगा। उन्होंने आदिवासी समाज से आह्वान किया कि वे एकजुट रहें।

आदिवासियों को दे रहे हैं उनका हक और अधिकार 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पूरे मान-सम्मान के साथ आदिवासियों को उनका हक और अधिकार दे रही है। इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि आदिवासी सबसे पिछड़े और गरीबों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में इन्हें सशक्त और मजबूत बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। देश और राज्य के लिए शहादत देनेवालों के परिजनों को नौकरी दी जा रही है। आदिवासियों के हित में जो भी काम करने की जरूरत होगी, उसे प्राथमिकता के आधार पर निश्चित तौर पर पूरा करेंगे।

आगे बढ़ाने के लिए अच्छी शिक्षा जरूरी 

मुख्यमंत्री ने शिक्षा की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि आदिवासियों को आगे बढ़ाना है, तो उन्हें हर हाल में अच्छी शिक्षा लेनी होगी। जब आदिवासी बच्चे-बच्चियां पढ़ लिख कर इंजीनियर, डॉक्टर, जज, लॉयर, अफसर या कोई और अन्य बड़े पद पर जायेंगे, तो न सिर्फ उनका विकास होगा, बल्कि पूरे परिवार और आदिवासी समाज का भी सशक्तीकरण होगा। हमारी सरकार आदिवासी बच्चों के शिक्षा के लिए कई योजनाएं लेकर आयी है। इन योजनाओं के माध्यम से उन्हें पढ़ाई के साथ प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी, विभिन्न कोर्सेस को करने के लिए आर्थिक सहायता और विदेशों में भी उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रही है।

हमारी सरकार की जड़ें काफी मजबूत

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की जड़ें काफी मजबूत हैं, क्योंकि इस सरकार को आपने बनाया है। यह आपकी सरकार है। ऐसे में आपका ख्याल रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। झारखंड वासियों को अब किसी चीज की चिन्ता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके कल्याण के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। आप सभी के सहयोग से झारखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने में हम कामयाब होंगे।

गांव से चल रही सरकार, धरातल पर उतर रहीं योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार दिल्ली और रांची से नहीं, बल्कि गांव से चल रही है। हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, क्योंकि गांव को मजबूत बना कर ही हम राज्य को सशक्त बना सकते हैं। मुख्यमंत्री ने  कहा कि अब समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक सरकार की योजनाएं पहुंच रही हैं। ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम के जरिये आपके दरवाजे पर आकर आपकी समस्याओं का समाधान हो रहा है। जिस अधिकारी से मिलने के लिए आप उनके दफ्तरों का बार-बार चक्कर लगाते थे, वे आज आपके घर पर पहुंच कर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दे रहे हैं। हमारी सरकार ने व्यवस्था बदलने का काम किया है। इसी वजह से आज अधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों और जवाबदेहियों का निर्वहन कर रहे हैं।

मजबूत झारखंड बनाने की दिशा में अग्रसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 20 वर्षों तक झारखंड की चिन्ता किसी ने नहीं की। तमाम संसाधनों के होने बाद भी झारखंड पिछड़ा और गरीब राज्य बना रहा, लेकिन हमारी सरकार जब से बनी है, झारखंड को आगे बढ़ाने की दिशा में निरन्तर काम कर रहे हैं। वर्ष 2025 में झारखंड 25 वर्ष का युवा हो जायेगा। ऐसे में हम इस राज्य को मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं । हम एक ऐसा झारखंड बनायेंगे, जो अपने पैरों पर खड़ा होगा और उसे किसी से मदद लेने की जरूरत नहीं होगी। इस अवसर पर मंत्री चम्पाई सोरेन और जोबा मांझी, विधायक दशरथ गागराई, सुखराम उरांव, दीपक बिरुआ और सविता महतो, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा और हो महासभा के केन्द्रीय अध्यक्ष कृष्णा चंद बोदरा विशेष रूप से मौजूद थे।

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