Ranchi news, Jharkhand news: झारखंड में ट्रांसजेंडर्स के उत्थान के लिए बोर्ड का गठन किया जायेगा। साथ ही, प्रत्येक जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जायेगा। वर्तमान में ट्रांसजेंडरों को ओबीसी-टू का दर्जा दिया गया है और विभाग उनके उत्थान के लिए एक समेकित योजना तैयार कर रहा है। उक्त जानकारी महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव कृपानंद झा सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय के कांफ्रेंस हॉल में पत्रकार वार्ता में कही।
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव कृपानंद झा ने बताया कि विभागीय स्तर पर सामाजिक उत्थान की दिशा में मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर विभिन्न स्तर पर सामाजिक सुरक्षा के तहत कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने विभाग की योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सर्वजन पेंशन योजना के तहत राज्य में कुल नौ योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिनमें तीन योजनाएं केन्द्र सम्पोषित हैं तथा 06 योजनाएं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पेंशनधारियों को ससमय लाभान्वित किया जा सके, इसके लिए सरकार ने अलग से 100 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड का इंतजाम किया है। चार वर्षों में राज्य के पेंशनधारियों में 82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। 2023 में ‘आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत कुल 06 लाख 56 हजार से ज्यादा पेंशन के आवेदन प्राप्त हुए हैं। 50 से 60 आयु वर्ग की एससी-एसटी एवम महिलाएं भी वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र होंगी। अतिरिक्त लाभार्थी की अपेक्षित संख्या लगभग 18 लाख है।
विभागीय सचिव ने बताया कि राज्य में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत किसी कारणवश ड्रॉप आउट हो रही बच्चियों को प्रोत्साहित करने के लिये और उन्हें शिक्षित बनाने के लिए 2023-24 में अब तक 06 लाख 21 हजार लाभार्थियों को योजना से आच्छादित किया गया है। वहीं, बीते 2022–23 में 7 लाख 28 हजार से ज्यादा बच्चियों एवं किशोरियों को लाभान्वित किया गया था। बता दें कि सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना में जिनकी पहली 02 संतान बेटियां हैं, उनको मानदंडों में छूट दी गयी है।
6850 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में किया जायेगा विकसित
कृपानंद झा ने बताया कि राज्य में कुल 378 हजार 432 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 6850 केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। साथ ही, 29 हजार से ज्यादा सेविकाओं को स्मार्ट मोबाइल उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 10 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण डीएमएफटी/ सीएसआर फंड के तहत कराने की योजना है। साथ ही, केन्द्रों में एलपीजी सिलिंडर, वाटर प्यूरीफायर और स्मार्ट टीवी आदि जैसी सुविधा दी जायेगी। मानदेय को लेकर कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए 9500 रुपये प्रतिमाह तथा सहायिकाओं के लिए 4750 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया गया है। इसके अलावा प्रतिवर्ष क्रमश: 500 रुपये और 250 रुपये मानदेय वृद्धि का प्रावधान भी किया गया है। सेविकाओं और सहायिकाओं की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गयी है।
सेविकाओं और सहायिकाओं को सुविधा देने के साथ केन्द्रों में प्रदाय सेवाओं को ज्यादा प्रभावकारी बनाने का प्रयास भी विभाग की ओर से किया जा रहा है। मातृ किट वितरण की योजना सरकार ने शुरू की है। साथ ही, सेनेटरी नैपकिन का भी वितरण किया जायेगा। महिला कल्याण हेतु भी विभाग बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। राज्य में विधवा पुनर्विवाह पर सरकार की ओर से दो लाख रुपये की आर्थिक राशि उपलब्ध करायी जायेगी। साथ ही, चालू वित्तीय वर्ष में 11 हजार 880 कन्याओं को विवाह पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गयी है। राज्य में 06 लाख गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए योजना शीघ्र प्रारम्भ करने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं, बाल कल्याण के तहत विषम परिस्थितियों में रह रहे बच्चों के संरक्षण और देखभाल के लिए बच्चों को 04 हजार रुपये प्रति बच्चा स्पॉन्सरशिप उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक यह लाभ 04 हजार 497 बच्चों को दिया जा चुका है। विधि के उल्लंघन में लिप्त बच्चों के मामलों के निपटारा हेतु सृजित किशोर न्याय बोर्ड को बढ़ा कर 26 किया गया है, ताकि ऐसे मामलों में उचित एवं त्वरित निपटान किया जा सके। चाइल्ड इन कंफ्लिक्ट विद ला के लिए रांची जिले में 1107.23 लाख से 50 शैय्या वाले एक प्लेस आॅफ सेप्टी के निर्माण की योजना है। इसके तहत राज्य के तीन जिला दुमका, पलामू और लातेहार में ऐसे तीन होम तैयार किये जाने की योजना है, जिसमें एक ही कैम्पस में ओल्ड एज होम और चिल्ड्रेन होम होंगे।
जल्द भरी जायेंगी रिक्तियां
विभाग के अधीन बाल विकास परियोजना के रिक्त पदों में विरुद्ध 64 पदों पर तथा महिला पर्यवेक्षिकाओं के रिक्त पदों के विरुद्ध 444 पदों पर नियुक्ति सम्बन्धी कार्रवाई की जा रही है। इन रिक्त पदों को भरने के लिए जेपीएससी और जेएसएससी की सहायता ली जायेगी।