President Election 2022 : विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने 16 जुलाई को झारखंड की राजधानी रांची में कहा कि अगर एनडीए गठबंधन अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) की महिला को सशक्त करना चाहता है तो उसे राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री बनाना चाहिए। ऐसा करके एनडीए उसे और सशक्त बना सकता है।
देश के लोग डरे हुए हैं
रांची में कांग्रेस विधायकों की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि दरअसल यह चुनाव विचारधारा की लड़ाई है। एक तरफ वैसे लोग हैं, जो लोकतंत्र को बचाए रखने की कोशिश में हैं, वहीं दूसरी तरफ वैसे हैं, जो इसे समाप्त करने में लगे हुए हैं। सिन्हा ने कहा कि पूरे देश में लोगों से मिलने का बाद उन्हें इस बात का एहसास हो रहा है कि लोग डरे हुए हैं। उन्होंने कहा की चाहे सांसद हों या आम आदमी सबके अंदर डर का भाव बैठ हुआ है।
अब न पार्लियामेंट के अंदर बोल सकते हैं, और न बाहर
सिन्हा ने कहा कि पहले संसद में विरोध प्रदर्शन के बाद सांसदों को बाहर निकलकर भी अपना विरोध करने का अधिकार था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। कई बार ऐसा हुआ है कि विरोध प्रदर्शन की वजह से हाउस एडजर्न हुआ है और राजनीतिक दल के लोग बाहर अपना विरोध प्रदर्शन करते थे, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है। अब न तो पार्लियामेंट के अंदर बोल सकते और न बाहर। उन्होंने कहा कि जिस तरह केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा की गोवा में कांग्रेस पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गयी लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। इससे पहले सिन्हा ने झारखंड विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रभारी अविनाश पाण्डेय, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और पार्टी के विधायक मौजूद रहे।