Jharkhand Update News, Ranchi, Army Land Scam : प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को जांच के क्रम में रांची के बरियातू स्थित सेना की जमीन घोटाला मामले में कई सबूत मिले हैं। अधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि सेना की भूमि हड़पने के लिए भू-माफियाओं के बनाये गये जाली दस्तावेजों में कुछ स्पष्ट विसंगतियों का पता चला है। केस में आरोपित प्रदीप बागची, जिसे ईडी ने गुरुवार रात गिरफ्तार किया था, उसने दावा किया है कि वह 4.55 एकड़ जमीन का असली मालिक है। यह साबित करने के लिए उसने ईडी को एक कागजात पेश किया। कागजात के अनुसार 1932 में उसके पिता ने उक्त जमीन रैयतों से खरीदी थी और रजिस्ट्री कोलकाता भूमि रजिस्ट्री कार्यालय में हुई थी। कागजात में राज्य का उल्लेख पश्चिम बंगाल के नाम से है। जबकि, 1932 में यह सिर्फ बंगाल था। क्योंकि पश्चिम बंगाल 1947 में अस्तित्व में आया। जांच पड़ताल के दौरान ईडी ने इस मामले में शुक्रवार को 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन लोगों को ईडी ने गिरफ्तार किया है उनके विरुद्ध ईडी के पास पर्याप्त सुबूत हैं।
अभी ईडी दस्तावेजों की कराएगी फॉरेंसिक जांच
इसी तरह कागजात में कई जगहों पर गवाहों, विक्रेता और क्रेता के पते के साथ पिन कोड का उल्लेख किया गया है। जबकि, पोस्टल इंडेक्स नंबर (पिन) 15 अगस्त, 1972 को पेश किया गया था। वहीं, दूसरी ओर जमीन के दस्तावेज में बिक्री के एक साक्षी का मूल जिला भोजपुर बताया गया है। जबकि भोजपुर जिला 1972 में अस्तित्व में आया है। ईडी को जांच के दौरान शक है कि कथित रूप से फजी दस्तावेज की प्रति कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के भूमि अभिलेखों में अलग से लगायी गयी थी। अब ईडी ऐसे सभी दस्तावेजों के साथ-साथ कोलकाता रजिस्ट्रार कार्यालय के भूमि रजिस्टरों का फॉरेंसिक जांच करायेगी , ताकि पन्ने और स्याही कब के हैं, इसका पता लगाया जा सके।