National News Update, Bihar, Barauni, Queer Railway Station: भारतीय रेलवे ने पूरे देश को जोड़ने के लिए तमाम रेलवे स्टेशन बनाए हैं। समय-समय पर उनकी रीमॉडलिंग और रीडिजाइनिंग भी होती रहती है। कुछ ऐसे रेलवे स्टेशन भी देश में है जिनकी अपनी कुछ अनोखी खासियत है इनमें बिहार का बरौनी जंक्शन भी एक है। ईस्ट सेंट्रल रेलवे के सोनपुर डिविजन के तहत आने वाला बरौनी जंक्शन रेलवे स्टेशन एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यहां से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुवाहाटी और दिल्ली आदि के लिए बड़ी संख्या में लोग ट्रेन पकड़ने आते हैं। एक अनोखी बात है कि बरौनी जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर एक है ही नहीं, यहां प्लेटफॉर्म नंबर-2 से शुरुआत होती है।
अंग्रेजों के जमाने में बना था यह रेलवे स्टेशन
बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित बरौनी जंक्शन अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था। साल 1883 में बरौनी (Barauni) जंक्शन बनकर तैयार हुआ था। उस समय Barauni रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म की संख्या 1 से शुरू होती थी। बरौनी जंक्शन से कई ट्रेनें निकलती थीं, लेकिन प्लेटफार्म नंबर एक पर सिर्फ मालगाड़ी खड़ी होती थी, इसे लेकर स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन से शिकायत की और लोगों की शिकायत सुनने के बाद एक नया बरौनी रेलवे स्टेशन बनाने का फैसला किया गया।
शिकायत के बाद दूसरा स्टेशन
बरौनी जंक्शन से करीब 2 किलोमीटर दूर दूसरा बरौनी (Barauni) रेलवे स्टेशन बनाया गया। जब बरौनी नाम से बने नए रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर एक रखा गया तो इसकी वजह से एक ही जगह पर 2 किलोमीटर की दूरी पर दो Barauni स्टेशन और दो प्लेटफार्म एक ही नाम से तैयार हो गए। जब नया बरौनी रेलवे स्टेशन तैयार हो गया तो पुराने Barauni रेलवे स्टेशन पर मौजूद प्लेटफार्म नंबर एक को हटा दिया गया। तब से पुराने बरौनी रेलवे स्टेशन पर दो नंबर से ही प्लेटफार्म की संख्या शुरू होती है।
कैसे होती है परेशानी
बरौनी नाम से दो रेलवे स्टेशन और वह भी करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर होने की वजह से बहुत से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिन यात्रियों की ट्रेन Barauni स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 से चलने वाली होती है, उन्हें करीब 2 किलोमीटर की दूरी तय कर दूसरे Barauni रेलवे स्टेशन पर समय से पहुंचना होता है।