Kolhan Latest Hindi news : सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल रेलवे स्टेशन के समीप लेंगडीह-सिकली के बीच शनिवार सुबह आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ताओं ने आदिवासी धर्म कोड सरना लागू करने की मांग को लेकर रेल चक्का जाम कर दिया। आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ता अपने हाथों में तख्तियां, झंडा और बैनर लेकर को जाम किया।
रेल चक्का जाम से नीलांचल एक्सप्रेस और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस घंटों तक रुकी रही। दर्जन भर से ज्यादा की संख्या में यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया गया जबकि कई ट्रेनों का मार्ग बदला गया। रेल चक्का जाम से रेल यात्रियों को भारी परेशानी हुई। ट्रेनों को रद्द किये जाने के कारण रेल यात्रियों को पूरा रुपये रेलवे की ओर से रिफंड किया गया।
इन ट्रेनों को किया गया रद्द
टाटा-हावड़ा स्टील अप/डाउन एक्सप्रेस, झाड़ग्राम-धनबाद एक्सप्रेस अप/डाउन ट्रेन, सुबह 8.50 बजे टाटानगर स्टेशन से खुलने वाली टाटा-खड़गपुर पैसेंजर अप/डाउन, हावड़ा-टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस ट्रेन, हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी अप/डाउन आदि ट्रेनों को रेलवे की ओर से रद्द कर दिया गया है।
इन ट्रेनों का बदला गया मार्ग
हावड़ा-पुणे दुरंतो और आनंद विहार-भुवनेश्वर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन का मार्ग बदल कर चलाया गया। दोनों ट्रेनों को मिदनापुर होकर चलाया गया। इस कारण से रेल यात्री समय पर गंतव्य को नहीं पहुंच सके। इसी तरह से राजेंद्रनगर -टाटा- दुर्ग (13288) ट्रेन को पुरुलिया स्टेशन से ही बदले मार्ग से चलाया गया। धनबाद से टाटानगर आनेवाली स्वर्णरेखा एक्सप्रेस को मुरी से ही वापस धनबाद के लिये रवाना कर दिया गया। इसके अलावा कुछ अन्य ट्रेनों को भी मार्ग बदलकर चलाने की योजना थी, लेकिन रेल चक्का जाम समाप्त होने के कारण बाकी ट्रेनों को सामान्य रूट पर चलाने का काम किया गया। मुंबई-हावड़ा मेल ट्रेन (12809) को सबसे पहले टाटानगर रेलवे स्टेशन से सामान्य रूट से हावड़ा के लिये रवाना किया गया। इसके बाद नीलांचल एक्सप्रेस (12876) ट्रेन को सामान्य रूट से रवाना किया गया। मुंबई-हावड़ा कुरला (18029) एक्सप्रेस को भी सामान्य रूट से ही चलाने का काम किया गया। रेल चक्का जाम की सूचना मिलते ही टाटानगर स्टेशन पर रेल यात्रियों की समस्या को देखते हुये सहायता केंद्र खोला गया था। रेल यात्री अपनी समस्या का समाधान यहां पर कर रहे थे। साथ ही ट्रेन का टिकट भी रिफंड करवा रहे थे। रेल चक्का जाम समाप्त होने के बाद भी सहायता केंद्र पर रेल कर्मचारियों को काम करते हुये देखा गया।