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Ranchi: गेतलसूद डैम का पानी हुआ प्रदूषित, केज में रखीं छह टन मछलियां मरीं, किसान को हुआ दस लाख रुपये का नुकसान, जांच के आदेश 

Ranchi: गेतलसूद डैम का पानी हुआ प्रदूषित, केज में रखीं छह टन मछलियां मरीं, किसान को हुआ दस लाख रुपये का नुकसान, जांच के आदेश 

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Jharkhand news, Jharkhand update, Ranchi news, Ranchi update, Ranchi latest news, Jharkhand latest news :  गेतलसूद डैम के दूषित पानी की वजह से डैम के केज में पाली जा रही लगभग छह टन मछलियां मर गयीं। करीब सात हजार मछली मारी गयी। इससे मछली पालक भोला महतो को दस लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। मरीं मछलियां छह सौ ग्राम से लेकर तीन किग्रा तक की थी। इन मछलियों का जीरा तीन साल पहले केज में डाला गया था। पांच केज में मछली का पालन किया जा रहा था। भोला महतो पिछले एक दशक से केज के माध्यम से मछली पालन कर रहा है। तेलपिया मछली को ‘एक्वाटिक चिकन’ भी बोला जाता है। मरी हुई मछलियों को केज से निकाल कर गड्ढा खोद कर दफना दिया गया। भोला महतो ने बताया कि पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश से रांची शहर के विभिन्न नालों का प्रदूषित पानी गेतलसूद डैम में आ रहा है। इससे डैम का पानी काला व प्रदूषित हो गया। यही पानी केज में भी आ गया, जिससे मछलियों की मौत हो गयी। काफी नुकसान हो गया। लोन लेकर मछली पालन कर रहे थे। मछलियां गेतलसूद मतत्यजीवी समिति के सदस्यों की थी। इधर, गेतलसूद उपमुखिया शंकर बैठा, भाजपा एससी मोर्चा के जिला मंत्री संजय नायक मौके पर पहुंचे व नुकसान का जायजा लिया। सरकार से भोला महतो को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की।  इस अवसर पर राजेश ठाकुर, विक्रम बैठा, दिलेश्वर नायक, धर्मवीर नायक, राजेश लोहरा, सुनिल महतो, नेवी बेदिया आदि उपस्थित थे।

मछलियों की मौत पर विभागीय मंत्री गंभीर, विभागीय सचिव को जांच के आदेश

इधर,  गेतलसूद में मछलियों की मौत के बाद विभागीय मंत्री बादल पत्रलेख ने इसे गम्भीरता से लिया है और मछलियों की मौत की जांच के आदेश  विभागीय सचिव को दे दिये हैं।  श्री बादल ने कहा कि गेतलसूद में कुल 24 केज हैं, जिनमें से 04 केज में मछलियों की मौत हुई है। समिति के अध्यक्ष की मानें, तो करीब 08 हजार मछलियों की मौत हुई है। जबकि, महेशपुर केज में सभी मछलियां सुरक्षित हैं। श्री बादल के आदेश के बाद विभाग के सचिव ने जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि रविवार को मामले की जांच करें और मत्स्य पालकों को बीज और सीड दोनों उपलब्ध करायें। यदि जल किसी कारण से प्रदूषित हुआ है, तो जांच कर अविलम्ब रिपोर्ट करें।

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