Jharkhand news, Koderma News: बात मार्च 2013 की। नाबालिग अनुरंजना (बदला हुआ नाम) कोडरमा के सतगावां में अपने घर के पास से गुजर रही थी कि उसके पड़ोस में ही एक दुकान पर कार्यरत रिंकू अंसारी ने एक कार से उसका अपहरण कर लिया। उसे पहले धनबाद के कतरास, फिर धनबाद, फिर बंगाल का झालदा, इसके बाद जमशेदपुर और इसके बाद दिल्ली ले जाया गया। रिंकू ने उसे वहां गुरुद्वारा रोड स्थित एक किराये के मकान में लगभग 10 महीनें तक रखा । इस दौरान रिंकू प्राय: हर दिन उसके साथ दुष्कर्म करता रहा।
कराया मतांतरण, हिन्दू से मुस्लिम बन गई अनुरंजना
अनुरंजना का इस बीच मतांतरण भी कराया गया और वह हिंदू से मुस्लिम बन गई। और तो और गलत शपथपत्र के माध्यम से उसे बालिग बताते हुए उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया। इसके बाद रिंकू ने उससे जबरन शादी कर ली। यह कहना गलत नहीं होगा कि यह शादी सिर्फ शारीरिक भूख मिटाने का एक उपक्रम था तो गलत नहीं होगा। अनुरंजना ने कोर्ट को बताया था कि जब भी रिंकू कहीं बाहर जाता था तो उसे घर में बंद कर देता था। उसने यह धमकी भी दे रखी थी कि अगर उसके किसी को कुछ भी बताया तो वह उसके परिवार को जान से मार डालेगा।
पिता ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी, कुर्की हुई तो रिंकू ने किया आत्मसमपर्ण
घटना 18 मार्च 2013 की है। नाबालिग के पिता ने कोडरमा के सतगावां थाना में 19 मार्च 2013 को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी। आवेदन में कहा गया था कि पड़ोस की दुकान में काम करने वाला रिंकू अंसारी ने उसकी नाबालिग का अपहरण कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने दोनों की काफी खोजबीन की, परंतु उनका कहीं अता-पता नहीं चला। अंतत: रिंकू के विरुद्ध कुर्की जब्ती का आदेश जारी किया गया। इसके बाद उसने 20 जनवरी 2014 को नाबालिग के साथ कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
14 साल की सजा
इधर, अपहरण के बाद मतांतरण, फिर जबरन शादी और दुष्कर्म के मामले में रिंकू को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने मंगलवार को 14 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही धनबाद जिले के भौरा जोड़ापोखर स्थित सौदागर मोहल्ला निवासी रिंकू पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही नाबालिग का अपहरण करने के मामले में भी दोषी पाते हुए कोर्ट ने उसे पांच वर्ष की कैद और 20 हजार रुपये जुर्माना देने की भी सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर उसे छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।