Ranchi news, Jharkhand news : पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े कमीशन घोटाले मामले में ईडी ने पीएमएलए की रांची स्थित विशेष अदालत को चौंकाने वाली जानकारी दी है। ईडी ने बताया है कि पूर्व मंत्री के पीएस संजीव लाल तक ठेकेदार ने वसूली के 53 करोड़ रुपये पहुंचाए थे। संजीव लाल के लिए ठेकेदार मुन्ना सिंह वसूली करता था और अपने भाई रिंकू सिंह के माध्यम से संजीव लाल तक रुपये पहुंचाता था।
सात ठेकेदारों से वसूली गई यह राशि
ईडी के अनुसार ठेकेदार राजीव कुमार, संतोष कुमार, राजकुमार टोप्पो, अजय कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, अजय तिर्की व अमित कुमार से रुपये की वसूली की थी। इन्हें ग्रामीण विकास विभाग से कार्यादेश मिला था, जिस एवज में बतौर कमीशन इस राशि की वसूली हुई थी। इस मामले में इस मामले में झारखंड के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री के निजी सचिव संजीव लाल तथा संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को जेल भेजा जा चुका है।
जहांगीर के आवास से 32.20 करोड़ रुपये हुए थे बरामद
पूर्व में संजीव लाल व उसके नौकर जहांगीर के ठिकाने पर छापेमारी हुई थी, जहां जहांगीर के आवास से 32 करोड़ 20 लाख रुपये व ठेकेदार मुन्ना सिंह के ठिकाने से 2.93 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे। बरामद रुपयों के संबंध में ईडी ने जहांगीर व मुन्ना सिंह का बयान लिया था। मुन्ना ने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि उसने संजीव लाल के निर्देश पर 53 करोड़ रुपये की वसूली कर अपने छोटे भाई संतोष कुमार उर्फ रिंकू सिंह के माध्यम से संजीव लाल को भिजवाया था।
बैग और झोले में स्कूटी से ढोए गए 32.20 करोड़ रुपये
ईडी की पूछताछ में संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम ने यह स्वीकारा है कि ईडी की छापेमारी में उसके फ्लैट से बरामद 32.20 करोड़ रुपये संजीव लाल के थे। वहां से जो दस्तावेज मिले थे, वे संजीव लाल, संजीव लाल की पत्नी रीता लाल व बेटे शास्वत लाल के थे। ये 32.20 करोड़ रुपये संजीव लाल के निर्देश पर उनके नौकर जहांगीर आलम ने स्कूटी से 60 बार में अलग-अलग बैग-झोले में ढोए थे। ये रुपये ठेकेदार मुन्ना सिंह के भाई रिंकू सिंह उर्फ संतोष कुमार ने उसे अलग-अलग तिथियों में रांची स्थित रानी अस्पताल के समीप अभिनंदन मैरेज हाल के सामने दिए थे।