Jharkhand top news, Jharkhand latest Hindi news, Ranchi top news, Ranchi latest Hindi news, Ranchi Top news :झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही की शुरुआत हंगामे के साथ शुरू हुई। इस बार हंगामा विपक्ष ने नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष ने शुरू किया। विधायक प्रदीप यादव ने बाबूलाल मरांडी पर आरोप लगाया कि उन्होंने स्पीकर के बारे मीडिया में बयान देकर विधानसभा की अवमानना की है। इसलिए उन पर कार्रवाई हो।
इस बात को लेकर सत्ता पक्ष के विधायक वेल में आ गये, जिसके बाद अमर बाउरी ने पुरजोर तरीके से प्रदीप यादव की बातों का विरोध किया और कहा कि विधानसभा के खाता-बही की बात करें, तो अभी भी प्रदीप यादव जेवीएम के विधायक हैं और बाबूलाल उनके अध्यक्ष हैं। इसलिए प्रदीप यादव को बाबूलाल के बारे में ऐसी बातें करनी शोभा नहीं देतीं।
बाबूलाल से माफी मांगें प्रदीप यादव : अमर बाउरी
बाउरी ने प्रदीप यादव को बाबूलाल से माफी मांगने को कहा, जिसका सत्ता पक्ष ने विरोध किया। प्रदीप यादव ने कहा कि यदि वह जेवीएम के विधायक हैं, तो फिर इस हिसाब से वह जेवीएम की तरफ से सदन के नेता हैं। ऐसे में बाबूलाल उनसे विचार-विमर्श क्यों नहीं करते। बिना बात वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने बैठे हैं। इतना कहते ही दोनों पक्षों की तरफ से हंगामा तेज हो गया और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक स्थगित कर दी।
पंचायत स्वयंसेवकों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को विधानसभा से कुछ दूरी पर मांगों को लेकर विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया। यहां तक कि बैरिकेडिंग के पास आकर हंगामा भी शुरू कर दिया। वे पुलिस का घेरा तोड़ कर विधानसभा का घेराव करने के लिए आगे बढ़ना चाह रहे थे, जिन्हें रोकने के लिए वहां पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल के जवान भी मुस्तैद थे। आग्रह नहीं मानने पर जवानों ने उनको खदेड़ना शुरू किया। उन पर लाठियां भांजीं। बैरिकेडिंग पार कर आगे बढ़नेवालों में मुख्य रूप से पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे। वे विधानसभा का घेराव करने के लिए पुलिस का घेरा तोड़ कर आगे बढ़ना चाह रहे थे। इस पर सुरक्षा बल के जवानों ने बैरिकेडिंग के पास उन्हें रोक दिया। इस पर वे दूसरे बैरिकेडिंग को भी तोड़ कर आगे बढ़ने लगे। इस पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबल के जवानों ने लाठियां बरसाते हुए उन्हें रोकने की कोशिश की। इस बीच सुरक्षा बल के जवानों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की और नोक-झोंक हुई। वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। इस दौरान अफरा-तफरी मच गयी।
उल्लेखनीय है कि राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ का झारखंड प्रदेश के तत्वावधान में 168 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी है। पांच सूत्री मांगों को लेकर स्वयंसेवक बीती आठ जुलाई से ही अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन राजभवन के पास कर रहे हैं।
भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो के इलाज के लिए मिल कर सहयोग करें : स्पीकर
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को 12:30 बजे सदन शुरू होते ही भाजपा के ढुलू महतो ने सिन्दरी विधायक इंद्रजीत महतो के इलाज का मामला उठाया। स्पीकर से आग्रह किया कि उनका हैदराबाद में लम्बे समय से चल रहा है। उनका इलाज रुकना नहीं चाहिए। इस पर स्पीकर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से भी इस पर बात हुई है। उनका ध्यान सदन को है। नीलकंठ सिंह ने इंद्रजीत के मामले में सभी विधानसभा सदस्यों को सहयोग करना चाहिए। इस पर स्पीकर ने इसे अच्छा सुझाव बताते कहा कि जिनसे जो बन पड़े, वे मिल कर सहयोग करें।
बाबूलाल पर अवमानना का मामला चलें : प्रदीप यादव
इस बीच प्रदीप यादव ने फिर से बाबूलाल का मसला उठाते कहा कि उन पर अवमानना का मामला चले। इस पर स्पीकर ने कहा कि वह इस मामले को देख रहे हैं। मंत्री आलमगीर आलम ने भी सदन से बाहर बाबूलाल द्वारा सदन पर टिप्पणी को लेकर निराशा जतायी। सरफराज अहमद ने भी कहा कि बाबूलाल मरांडी काफी वरिष्ठ नेता हैं, फिर भी वह ऐसा कर रहे हैं। इस पर स्पीकर ने कहा कि सब नियमानुकूल होगा।
इसी क्रम में भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को साल सालों से सदन में बोलने का मौका नहीं दिया गया। बुधवार 20 दिसम्बर को भी सदन में बोलने को उन्होंने तीन बार हाथ उठाया, लेकिन मौका नहीं मिला। सीपी सिंह ने स्पीकर से कहा कि आखिर उनके मन में बाबूलाल को लेकर क्या भावना है, वह नहीं जानते। जब सदन में बोलने का मौका बाबूलाल को नहीं मिला, तो मीडिया ने उनसे इस सम्बन्ध में पूछा। इस क्रम में उन्होंने अपनी पीड़ा जतायी। आखिर कहीं तो वह अपनी बात रखेंगे।
इस दौरान भाजपा विधायक स्पीकर के सामने आकर हंगामा करते रहे। स्पीकर ने उनसे आसन पर जाने का आग्रह किया। अंतत: निराश होते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे ठीक पहले विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन के पटल पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने एजी की रिपोर्ट रखी।
विनोद सिंह ने राज्य में उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी कम होने का मामला उठाया
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो इस दौरान सदन में गैर सरकारी संकल्प लाये गये। विधायक विनोद सिंह ने राज्य में उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी कम होने पर चिन्ता जतायी। सरकार से इसके लिए लड़कियों को हर माह 2000 रुपये परिवहन भत्ते के तौर पर देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार हर जिला मुख्यालय, विधानसभा क्षेत्र में भी अगर डिग्री कालेज खोल देगी तब भी लड़कियों के लिए समस्या बनी रहेगी। ऐसे में परिवहन भत्ता सरकार दे। यदि ग्राम गाड़ी योजना का ठीक से लाभ नहीं मिला, तो सरकार इस बजट में या अगले वित्तीय वर्ष में प्रावधान करे।
ग्राम गाड़ी योजना से लड़कियों को फायदा होगा
इस पर प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भरोसा दिया कि ग्राम गाड़ी योजना राज्य में शुरू होने से लड़कियों को फायदा होगा। हर पंचायत, गांव को कवर करते रूट तय होगा। इसके अलावा तकनीकी, गैर तकनीकी विषय के स्टूडेंट के लिए छात्रवृत्ति योजना और अन्य प्रावधान भी किये गये हैं। सरकार को पूरा भरोसा है कि ऐसे प्रयासों से लड़कियों को और उच्च शिक्षा में उन्हें प्रोत्साहित करने में सफलता मिलेगी।
विधायक दशरथ गागराई ने अलग झारखंड राज्य आन्दोलन में पुलिस की गोली से शहीद लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण तय किये जाने का मामला उठाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि 20 दिसम्बर को इस सम्बन्ध में पहल की जा चुकी है। आन्दोलनकारियों को पांच फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गयी है।