Ranchi News : झारखंड और झारखंड की राजनीति में टाइगर के नाम से मशहूर राज्य शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का आज सुबह निधन हो गया। इसी 14 मार्च को अचानक तबीयत बिगड़ जाने पर उन्हें एअरलिफ्ट कर चेन्नई ले जाया गया था जहां उनका इलाज चल रहा था। बताते चलें कि कोरोना संक्रमित होने के बाद शिक्षा मंत्री लंबे समय तक बीमार थे और चेन्नई में ही उनका लंच ट्रांसप्लांट हुआ था। इसके बाद उनकी तबीयत में उतार-चढ़ाव लगा रहा। हालांकि इस अवधि में भी हुए अपने दायित्व का निर्वहन करते रहे। उनके निधन से उनके डुमरी विधानसभा क्षेत्र और झारखंड में शोक का माहौल है।
शिक्षा मंत्री बनने के बाद 11वीं में लिया था नामांकन
शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की बात करें तो उन्हें पढ़ने में रुचि थी। उनका मानना था कि पढ़ने पढ़ाने की कोई सीमा नहीं होती। यही वजह है कि उन्होंने मंत्री बनने के बाद 11वीं कक्षा में नामांकन लिया था। हालांकि, कोरोना संक्रमित होने के कारण वे परीक्षा में शामिल नहीं हो सके थे। 65000 पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के लिए सेवा शर्त नियमावली लागू करने, टॉपरों को सम्मानित करने जैसे कार्यों के लिए वे याद किए जाएंगे।
शोक संवेदनाओं का तांता
शिक्षा मंत्री के निधन पर शोक संवेदना का तांता लगा है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन,मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता समेत सभी मंत्रियों ने शोक संवेदना व्यक्त की है। शोक संवेदना में नेताओं ने कहा है कि उन्होंने झारखंड की राजनीति को हमेशा मार्गदर्शन देने का काम किया। स्वयं कोरोना पॉजिटिव होने पर भी वे लोगों को प्रोत्साहित करते रहे। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि एक जुझारू नेता को हमने खो दिया। नहीं जगरनाथ दा अलविदा। इधर, शिक्षा मंत्री के निधन के बाद आज प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक रद्द कर दी गई है।